बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ने के बाद से ही हिन्दू विरोधी हिंसा चरम पर है और हिंदुओं पर हमले की सैकड़ों घटनाएँ हो चुकी हैं। वहाँ के नेताओं ने शेख हसीना को शरण देने को लेकर भारत को धमकाया भी है। मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार चल रही है। नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस की सरकार ने जशीमुद्दीन रहमानी नामक कट्टरपंथी मौलाना को जेल से छोड़ दिया। अब उसने भी भारत के खिलाफ ज़हर उगला है।
‘अंसारुल्लाह बांग्ला टीम’ (ABT) के मुखिया मौलाना जशीमुद्दीन रहमानी ने अब जम्मू कश्मीर की ‘आज़ादी’ के लिए पाकिस्तान और अफगानिस्तान से मदद माँगी है। वो अलकायदा और इससे जुड़े भारतीय उपमहाद्वीप में सक्रिय संगठन AQIS का भी कट्टर समर्थक है। उसने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी अपील की है कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन से राज्य को ‘आज़ाद’ करें। साथ ही उसने खालिस्तानियों की मदद से भारत को खंडित करने का इरादा भी जाहिर किया है।
सोशल मीडिया पर उसका ये बयान सर्कुलेट हो रहा है, जो किसी अस्पताल के कमरे से दिया गया हुआ लगता है। इससे पहले भी वो और उसका संगठन कई जिहादी कंटेंट का प्रसार कर चुका है। अब उसने कहा है कि बांग्लादेश कोई सिक्किम या भूटान नहीं बल्कि 18 करोड़ मुस्लिमों का मुल्क है, अगर तुम बांग्लादेश की तरफ बढ़ोगे तो हम चीन से कह कर चिकेन्स नेक (पूर्वोत्तर और शेष भारत के बीच का क्षेत्र) को काटने के लिए कहेंगे। उसने कहा कि अब वो सिखों से कहेगा कि उनका समय आ गया है।
What on earth led to the release of a hate-filled terrorist from jail?
— M.H. Fahad 🇧🇩 (@mhFahad02) September 7, 2024
One thing I can appreciate about Sheikh Hasina is her ability to keep these types of extremists in check.
Just recently, Mufti Jashimuddin Rahmani, who leads the al-Qaeda-inspired Ansar-al Islam Bangla, got… pic.twitter.com/smrC0p1QeP
2013 से ही जशीमुद्दीन रहमानी को गाज़ीपुर स्थित काशिमपुर सेन्ट्रल जेल में रखा गया था। नास्तिक ब्लॉगर अहमद राजीब हैदर की हत्या के मामले में उसे दोषी ठहराया गया था। कई अन्य नास्तिक ब्लॉगरों की हत्या में भी उसका नाम आया था। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार शेख हसीना के शासनकाल के बंदियों को रिहा कर रही है। जमात-ए-इस्लामी और उसके संगठन ‘इस्लामी छात्र शिबिर’ पर से भी प्रतिबंध हटा लिया गया है। रहमानी का ABT इसी संगठन से सदस्यों को भर्ती करता रहा है।