Monday, November 18, 2024
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इंदिरा गाँधी, मुख्यमंत्री और पूर्व सेना प्रमुख की हत्या का मनाया जश्न, हरदीप सिंह निज्जर के एक नहीं कई आतंकी कारनामे: सब जानते हुए कनाडा ने दे दी थी नागरिकता

वॉरंट में यह भी जिक्र किया गया है कि निज्जर का नाम 2007 में पंजाब के शिंगार सिनेमा पर हुए बम विस्फोट के बाद सामने आया था। दरअसल, विस्फोट के लिए गिरफ्तार किए गए संदिग्धों ने कबूल किया था की कि वे हरदीप सिंह निज्जर के निर्देशों के तहत काम कर रहे थे।

खालिस्तानी आंतकी हरदीप सिंह निज्जर जिसकी हत्या को लेकर कनाडा और भारत के राजनीतिक रिश्तों में खटास आई है उसी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बुधवार (20 सितंबर, 2023) को वायरल हुआ ये वीडियो से पता चलता है कि निज्जर कितना खतरनाक आतंकी था। इसमें वो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी, जनरल अरुण कुमार वैद्य और पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारों का महिमामंडन करता दिख रहा है।

कनाडा ने इसी निज्जर को आव्रजन धोखाधड़ी में शामिल होने, अलगाववाद और आतंकवाद का खुला समर्थन करने के बावजूद 2007 में कनाडाई नागरिकता दे दी थी। यही नहीं, सरे में इसकी हत्या का दोष भी मुल्क की संसद में पीएम जस्टिन ट्रूडो ने बगैर किसी सबूतों भारत के सिर मढ़ने से गुरेज नहीं किया। इस खालिस्तानी आतंकी की वजह से दोनों देशों ने अपने-अपने राजनयिकों को वापस भेज दिया, चेतावनी जारी कर दी। कारोबारी संबंध बिगड़ गए।

‘पीएम इंदिरा गाँधी, सीएम बेअंत चढ़ाए गाड़ी पर’

इस वीडियो में निज्जर को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “वही इंदिरा गाँधी जिन्होंने हमला किया (ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया), उनकी 31 अक्टूबर को हत्या कर दी गई और उन्हें ‘गाड़ी सवार’ कर दिया गया। जनरल वैद्य सिंह, जिन्होंने अपनी फौज के साथ अकाल तख्त (स्वर्ण मंदिर) पर हमला किया था और खुद को एक महान कमांडर मानते थे। उनको भी पुणे में जिंदा और सुक्खा ने ‘गाड़ी पर सवार’ कर दिया।”

उसने आगे वीडियो में कहा, “ललित माकन जो 1984 के दंगों में भी शामिल था उसे भी सुक्खा ने गाड़ी पर चढ़ा डाला। पंजाब के मुख्यमंत्री कसाई बेअंत सिंह जिसने सिखों के सिर से पगड़ी हटाने की कसम खाई थी उसे भी आत्मघाती बम हमले में दिलावर, तारा और हवारा ने गाड़ी पर चढ़ा दिया। ये हमारी विरासत है।” आतंकी निज्जर का ‘गाड़ी में सवार’ करने से मतलब मार डालने से है।

वीडियो को खालिस्तान विरोधी कार्यकर्ता पुनीत साहनी ने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर इस कैप्शन के साथ शेयर किया, “कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर खालिस्तानी गुरुद्वारों से यही उपदेश देंगे! भारतीय प्रधानमंत्री, सेना प्रमुख, पंजाब के सिख मुख्यमंत्री की हत्या करना, मानव बम होना आदि उनके आंदोलन की गौरवपूर्ण विरासत है!”

ये वीडियो कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के निज्जर की कनाडाई नागरिक के तौर पर सराहना करने केमबाद आया था। दरअसल पीएम ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि निज्जर को कथित तौर पर कनाडाई धरती पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने मारा था।

इसी के तहत कनाडा ने एक शीर्ष भारतीय राजनयिक को भी निष्कासित कर दिया था। इसके बाद से कनाडा और भारत के बीच राजनयिक रिश्ते पूरी तरह से तल्ख हो गए। इसी साल 18 जून को सरे में अज्ञात बंदूकधारियों ने उसे मौत के घाट उतार दिया था।

ये बात गौर करने लायक है कि कनाडा में आव्रजन धोखाधड़ी करने, अलगाव और आतंकवाद का खुल्लम-खुल्ला समर्थन करने वाले निज्जर को साल 2007 में आसानी से कनाडा की नागरिकता दे दी गई थी।

कनाडा के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने इसे लेकर ट्वीट किया था कि निज्जर 25 मई, 2007 को कनाडाई नागरिक बन गए। उन्होंने लिखा, “उनकी नागरिकता को लेकर तारीखों को लेकर की गई गलती मानना मेरी जिम्मेदारी है, लेकिन फिर भी निज्जर की हत्या किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता।”

खालिस्तानी आतंकी निज्जर गुरदीप सिंह दीपा हेरान वाला जैसे अन्य खूँखार आतंकवादियों से बेहद प्रभावित था। आतंकी निज्जर की इनसे मुलाकात किशोरावस्था में हुई थी। खालिस्तानी आतंकी वेबसाइट ‘1984’ श्रद्धांजलि डॉट कॉम के मुताबिक, गुरदीप सिंह दीपा हेरानवाला 217 से अधिक हत्याओं, कई बम विस्फोटों और बैंक डकैतियों में शामिल था। हालाँकि, ये वेबसाइट अभी खुल नहीं रही है।

उसने पंजाब से दिल्ली तक भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में जनवरी 1992 में निकाली ‘एकता यात्रा’ पर भी हमला किया। इसमें कुल 4 भाजपा कार्यकर्ता मारे गए जबकि 19 अन्य घायल हो गए थे। हेराववाला ने पुलिस अधिकारियों और सीआरपीएफ जवानों पर भी हमला किया था। उसने हर 9वें दिन एक व्यक्ति की हत्या की। पुलिस के उसे पकड़ने के लिए घात लगाए जाने के बाद 1992 में उसने आत्महत्या कर ली थी।

निज्जर भारत के खिलाफ कर चुका कई आतंकी कारनामे

खालिस्तानी आतंकी निज्जर कनाडा के सरे में प्लमिंग (नल पाइप ठीक करना) का कारोबार चलाता था। वो 1984 की सिख विरोधी हिंसा को नरसंहार की मान्यता दिलाने UNHRC से अपील करने के लिए 2013 में जिनेवा गया था। ये बात यहाँ ध्यान देने वाली है कि ये आतंकी किस हैसियत से, किसके समर्थन, किसकी स्पॉनसरशिप से यूएनएचआरसी जैसी वैश्विक संस्था तक पहुँचने में कामयाब रहा था।

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में जून 2014 में निज्जर ने खुले तौर पर भारत के राज्य पंजाब को अलग करने का आह्वान कर डाला था। इसके पाँच महीने बाद नवंबर 2014 में भारत ने नई दिल्ली में इंटरपोल के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के जरिए निज्जर का गिरफ्तारी का वॉरंट जारी किया। वारंट में उसे खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) आतंकवादी समूह का ‘मास्टरमाइंड/सक्रिय सदस्य’ बताया गया।

वॉरंट में यह भी जिक्र किया गया है कि निज्जर का नाम 2007 में पंजाब के शिंगार सिनेमा पर हुए बम विस्फोट के बाद सामने आया था। दरअसल, विस्फोट के लिए गिरफ्तार किए गए संदिग्धों ने कबूल किया था की कि वे हरदीप सिंह निज्जर के निर्देशों के तहत काम कर रहे थे। एक दूसरे इंटरपोल नोटिस में 2016 में निज्जर के खिलाफ नए आरोपों के तहत उसे ‘भारत में कई आतंकवादी कृत्यों का मास्टरमाइंड और मुख्य साजिशकर्ता’ कहा गया।

वह आतंकवाद, भर्ती और धन उगाहने के कामों के लिए वांछित था और इसके लिए उसे आजीवन कारावास की सजा का सामना करना पड़ सकता था।। हालाँकि, निज्जर ने कनाडाई पीएम ट्रूडो को लिखे पत्र में आरोपों से इनकार किया और उन्हें ‘निराधार और मनगढ़ंत’ बताया था। इसके अलावा मार्च 2019 में निज्जर पर मारपीट का आरोप लगा था, लेकिन मामले पर उसी दिसंबर में रोक लगा दी गई थी।

निज्जर एक वाणिज्यिक प्रिंटिंग प्रेस के विवाद में भी उलझा था। ये प्रेस उसने रिपुदमन सिंह मलिक से ली थी। उसे साल 1985 के घातक एयर इंडिया बम विस्फोटों में शामिल होने से बरी कर दिया गया था। प्रेस की मशीनें मलिक और उसके एक साथी ने खरीदी थी। उसका इरादा इसका इस्तेमाल सिख धर्मग्रंथों को छापने के लिए करने का था।

मलिक ने नवंबर 2020 में प्रेस को सुरक्षित रखने के लिए निज्जर को सौंपा था, लेकिन निज्जर ने इसे वापस करने से इनकार कर दिया। जुलाई 2022 में मलिक की हत्या कर दी गई। इसके बाद फरवरी 2023 में प्रेस के औजारों की वापसी की माँग करते हुए एक मुकदमा दायर किया गया।

खालिस्तान विरोधी एक्टिविस्ट पुनीत साहनी ने ‘न्यूज 18’ के एक शो में दावा किया है कि विमान पर बमबारी के एक साल बाद खालिस्तानियों ने साल 1986 में इंडियन पार्लियामेंट पर बमबारी और सांसदों को बंधक बनाने की योजना बनाई थी। इसे हेमिल्टन प्लान कहा गया था। हालाँकि, कनाडा कोर्ट ने वायरटैप प्राप्त करने में तकनीकी गड़बड़ी के वजह से मामले को खारिज कर दिया। दरअसल, कनाडा के खालिस्तानी आतंकियों ने 23 जून, 1985 को एयर इंडिया फ्लाइट 182 बोइंग 747 को बम रखकर उसे उड़ा दिया। इसमें 329 लोग मारे गए थे।

साहनी ने ये भी कहा कि पीएम ट्रूडो का व्यक्तिगत असफलता से बचने के लिए सुरक्षा संस्थानों का दुरुपयोग करने का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि 2018 में भी पीएम ने खालिस्तानियों के मामले में भारत को दोष देने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि कनाडा के कंजरेटिव लीडर एंड्रयू शियर इस बात की पुष्टि कर सकते है।

वहीं कनाडा के पत्रकार डेनियल ब्रॉडमैन के ट्वीट ने भी पीएम ट्रूडो लेकर ऐसा ही कुछ कहा। उन्होंने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया, “जाहिर तौर पर ट्रूडो की टॉप गुप्त रिपोर्ट एक ओपन सोर्स खुफिया रिपोर्ट थी। एक बकवास गूगल सर्च! और हमने भारत के साथ एक राजनयिक युद्ध शुरू कर दिया, क्योंकि किसी ने गूगल पर कुछ सर्च कर लिया था। मुझे ट्रूडो से नफरत है। सरकार पर काबू करने वाला, खुद की सेवा में लगा और नीच कहलाने का हकदार।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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