कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मंगलवार (26 अक्टूबर, 2021) को अपने मंत्रिमंडल का कायापलट किया। भारतीय मूल की अनीता आनंद को जस्टिन ट्रुडो मंत्रिमंडल में जगह मिली है, जो कनाडा की पहली हिन्दू रक्षा मंत्री होंगी। इससे पहले ‘वैंकूवर पुलिस विभाग’ में जासूस रह चुके 51 वर्षीय सिख हरजीत सज्जन कनाडा के रक्षा मंत्री थे, जिन्हें अब ‘इंटरनेशनल डेवलपमेंट एजेंसी’ मंत्रालय सौंपा गया है। 54 वर्षीय अनीता आनंद ओकविल से लगातार दूसरी बार सांसद बनी हैं।
हरजीत सज्जन ने सेना में यौन शोषण मामलों को जिस तरह से हैंडल किया था, उसे लेकर उनकी खासी आलोचना हो रही थी। उन्हें ‘खालिस्तान समर्थक’ बताते हुए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया था। जस्टिन ट्रुडो के नए मंत्रिमंडल में ‘जेंडर बैलेंस’ का ध्यान रखने का दावा किया गया है और इसमें कुल 38 सदस्य हैं। एक महीने पहले ही ‘लिबरल पार्टी’ दोबारा सत्ता में लौटी है। कनाडा की सेना पर अभी खासा दबाव है कि वो अपनी संस्कृति को बदले और यौन शोषण के अपराधों के मामले में न्याय के लिए बेहतर वातावरण व व्यवस्था विकसित करे।
पेशे से कॉर्पोरेट अधिवक्ता रहीं अनीता आनंद का ‘कॉर्पोरेट गवर्नेंस’ में गहरा अनुभव है। व्यापार और ऑपरेशन्स के प्रबंधन के लिए जिन नियम-कानूनों की आवश्यकता होती है, उसका उन्हें पूरा ज्ञान है। अनीता आनंद, हरजीत सज्जन और बर्दिश चग्गर तीन भारतीय मूल के मंत्री थे, जिन्होंने सितंबर में हुए चुनावों में जीत दर्ज की। नवंबर 2019 में उन्हें ‘पब्लिक सर्विसेज एंड प्रोक्योरमेंट’ मंत्री नियुक्त किया गया था। वो ओकविल से ताज़ा चुनाव में 46% वोट शेयर से जीत कर आई हैं।
उन्हें पिछली बार के 30,265 के मुकाबले इस बार 28,137 वोट मिले और वो 3707 वोटों से जीतने में कामयाब रहीं। कोरोना काल में उन्हें वैक्सीन विभाग की जिम्मेदारी दी गई और जस्टिन ट्रुडो के साथ कई चुनावी रैलियों में भी वो साथ दिखीं। इस दौरान उन्होंने महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ी भूमिका निभाई। 90 के दशक में किम कैम्पबेल के बाद कनाडा की पहली महिला रक्षा मंत्री हैं। साथ ही वो भारतीय मूल की पहली हिन्दू हैं, जिन्हें कनाडा के फ़ेडरल मिनिस्ट्री में जगह मिली।
It is my sincere honour to be sworn in today as Minister of National Defence. Thank you @JustinTrudeau for entrusting me with this portfolio. pic.twitter.com/4QpXA5hcL6
— Anita Anand (@AnitaOakville) October 26, 2021
तमिल-पंजाबी मूल की अनीता आनंद ‘यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो’ के कानूनी विभाग में प्रोफेसर भी रह चुकी हैं। उन्होंने ‘एयर इंडिया’ के साथ उस जाँच टीम का भी सहयोग किया, जिसे 23 जून, 1985 को ‘कनिष्क’ फ्लाइट 182 में हुए बम विस्फोट की जाँच के लिए बनाया गया था। खालिस्तानियों द्वारा उस फ्लाइट में बम रखा गया था, जिससे उसमें सवार सभी 329 लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि वो सेना में कनाडा की जनता का विश्वास फिर से दृढ करेंगी।
उन्होंने कहा, “मैं सावधान हूँ। मैं प्रतिबद्ध हूँ। मैं दृढ हूँ। मैं परिणाम प्राप्त करने में यकीन रखती हूँ।” कनाडा के विशेषज्ञों ने कहा है कि महामारी के समय अच्छा प्रदर्शन करने के कारण रक्षा मंत्री के लिए अनीता आनंद एक सही चुनाव हैं। एक महिला को रक्षा मंत्रालय देकर कनाडा की सेना में यौन शोषण के पीड़ितों और उनके परिवारों को एक सन्देश दिया गया है कि सरकार सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने उन्हें ‘वर्ल्ड क्लास प्रशासक’ बताया है।