यूरोपीय संसद के चुनावों में दक्षिणपंथी नेशनल रैली (रैसेम्बलमेंट नेशनल, आरएन) ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की रेनेसां पार्टी को 31.5% वोटों से पराजित कर दिया है। इसके बाद सोमवार (10 जून 2024) को राजधानी पेरिस की सड़कों पर सैकड़ों वामपंथी समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया।
वामपंथी प्रदर्शनकारियों ने फ्रांसीसी संसद के बाहर एकत्र होकर विजयी दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली के खिलाफ नारे लगाए। इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान फिलिस्तीन के समर्थन में नारे भी लगाए।
After Nantes, Bordeaux, this is live from Paris, France. There is fear and panic on the streets during the far left protests against the far right. French police is on high alert.#BREAKING #eiropasvēlēšanas2024 #Européennes2024 #France pic.twitter.com/vK65gzXQ2j
— Target Reporter (@Target_Reporter) June 10, 2024
इस महीने के अंत में होने वाले संसदीय चुनावों में नेशनल रैली के खिलाफ लड़ने के लिए घनघोर वामपंथी ‘पॉपुलर फ्रंट’ पर दबाव बनाने के लिए हज़ारों वामपंथी रेनेस, नैनटेस और रूएन में एकत्र हुए। रेनेस में 2,500 से अधिक लोगों ने दक्षिणपंथ के उदय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने दक्षिणपंथ के खिलाफ़ वामपंथियों को एकजुट होने का आह्वान करते हुए पॉपुलर फ्रंट (Front Populaire) के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों में मुख्य रूप से वामपंथी दल, इकोलजिस्ट और ट्रेड यूनियन शामिल थे।
नैनटेस में सोमवार को 1,000 से ज़्यादा लोगों ने रैली निकाली और ‘ला ज्यूनेसे एम्मर्डे ले आरएन’ (Youth f*cks with the RN) और ‘वोत्रे हैन, नोट्रे रेवोल्टे’ (“आपकी नफ़रत, हमारा विद्रोह”) जैसे नारे लगाए। वामपंथी प्रदर्शनकारियों ने शाम को शहर में ‘क्रांति या बर्बरता’ लिखे बैनर के साथ मार्च शुरू किया।
इस बीच रूएन में 800 से ज़्यादा लोगों ने दक्षिणपंथी पार्टी के ख़िलाफ़ रैली निकाली। इस दौरान नारे लगाए गए, ‘Young people f*ck the Front National’ और ‘हर कोई फ्रंट नेशनल से नफ़रत करता है’ जैसे नारे लगाए। बोर्डो और कुछ दूसरी जगहों पर विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया और पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करना पड़ा।
LIVE: Protest against the far right. Utter chaos in Bordeaux, France right now.#BREAKING #France #Paris #Europénnes2024 pic.twitter.com/ONvOGxjvZF
— Target Reporter (@Target_Reporter) June 10, 2024
सोमवार को फ्रांसीसी छात्र पेरिस के हेनरी IV हाई स्कूल में यूरोपीय संसद में दक्षिणपंथी पार्टी की जीत का विरोध करने के लिए एकत्र हुए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने इमारत के प्रवेश द्वार को अवरुद्ध कर दिया, बैनर लहराए और रूढ़िवादी पार्टी एवं राष्ट्रपति मैक्रोन के खिलाफ नारे लगाए।
फ्रांस में दक्षिणपंथ के उदय के खिलाफ वामपंथियों का विरोध यह दर्शाता है कि दुनिया भर में वामपंथियों में आम विशेषता है। लोकतंत्र तभी है, जब वामपंथी जीतते हैं और लोकतंत्र तब खत्म हो जाता है, जब उनके विरोधी विजयी होते हैं।
मैक्रों ने संसद भंग की, शीघ्र चुनाव की घोषणा की
यह घोषणा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा फ्रांस की संसद के निचले सदन को भंग करने के बाद की गई है। मतदाताओं को 9 जून को यूरोपीय संसद के चुनावों में दक्षिणपंथी पार्टी द्वारा अपनी पार्टी की अपमानजनक हार के बाद सांसदों को चुनने के लिए आने वाले दिनों में चुनावों में वापस जाना पड़ा।
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब फ्रांस के प्रोविजिनल परिणामों से पता चला है कि यूरोपीय संघ के संसदीय चुनावों में दक्षिणपंथी नेशनल रैली पार्टी बहुत आगे है, जिससे मैक्रों के यूरोप समर्थक मध्यमार्गियों को शर्मनाक निराशा हुई है।
इसमें रैसम्बलमेंट नेशनल (नेशल रैली) को 31.37% वोट मिले, मार्कोन की रेनेसां पार्टी और उसके गठबंधन बेसोइन डी यूरोप को सिर्फ 14.60% वोट मिले हैं।