Sunday, September 8, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयपाकिस्तानी क्रिकेटर की शिकायत पर BBC ने अंग्रेज खिलाड़ी की नौकरी खाई, आरोपों से...

पाकिस्तानी क्रिकेटर की शिकायत पर BBC ने अंग्रेज खिलाड़ी की नौकरी खाई, आरोपों से इनकार पर भी कोई सुनवाई नहीं

माइकल वॉन ने एक कॉलम में लिखा, "मैं पूरी तरह और स्पष्ट रूप से इनकार करता हूँ, मैंने कभी उन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया, मेरे पास कुछ भी छिपाने के लिए नहीं है।"

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और कमेंटेटर माइकल वॉन को खिलाड़ियों द्वारा नस्लवाद का आरोप लगाने के बाद बीबीसी के शो से बाहर कर दिया गया है। वॉन बीबीसी के 5 लाइव पर Radio 5 Tuffers and Vaughan show में बीते 12 साल से टेस्ट मैच स्पेशल में एनालिस्ट के तौर पर काम कर रहे थे। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज नावेद-उल-हसन ने ईएसपीएन क्रिकइंफो को बताया कि उन्होंने वॉन को कुछ नस्लीय टिप्पणी करते हुए सुना था। वहीं, वॉन ने इन आरोपों का खंडन किया है, लेकिन बीबीसी यह कहते हुए अपने रुख पर कायम है कि यह मामला समाप्त होने तक उन्हें निष्पक्ष रहने की आवश्यकता है।

वॉन अजीम रफीक द्वारा लगाए गए नस्लवाद के आरोपों के बाद सोमवार को शो में दिखाई नहीं देंगे। रफीक ने दावा किया कि वॉन ने 2009 में यॉर्कशायर और नॉटिंघमशायर के बीच खेले जाने वाले मैच से पहले उनके और अन्य खिलाड़ियों के प्रति नस्लवादी टिप्पणी की थी। माइकल वॉन ने साल 1991 से लेकर 2009 तक यॉर्कशायर काउंटी टीम का प्रतिनिधित्व किया है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि माइकल वॉन ने अजीम रफीक सहित एशियाई समूह के खिलाड़ियों से कहा, ”इस समूह में आप जैसे बहुत खिलाड़ी हैं, हमें इसके बारे में कुछ करने की आवश्यकता है। यह रफीक का इंग्लिश काउंटी में पहला सीजन था।”

इस मामले पर बीबीसी ने एक बयान जारी कर कहा, “माइकल वॉन के खिलाफ लगाया गया आरोप बीबीसी में काम करने से पहले का है, हम यॉर्कशायर काउंटी क्रिकेट क्लब द्वारा की गई जाँच का हिस्सा नहीं थे और हमें बाद की रिपोर्ट की जानकारी नहीं थी। हालाँकि, हमें एक ही आरोप से अवगत कराया गया है, जिसका माइकल ने खंडन किया है। हम इसकी सभी पहलुओं से जाँच कर रहे हैं।”

माइकल वॉन ने एक कॉलम में लिखा, ”मैं पूरी तरह और स्पष्ट रूप से इनकार करता हूँ, मैंने कभी उन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया, मेरे पास कुछ भी छिपाने के लिए नहीं है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -