भारत में गैंडे के शिकार पर अंकुश लगाने के लिए इंग्लैंड के पूर्व किर्केटर केविन पीटरसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “वाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत में पशुओं की रक्षा के लिए मालिदान देने वाले सभी महिला-पुरुषों को मेरा सलाम। मैंने इनमें से काफी से मुलाकात की है और उन सबका सम्मान करता हूँ।” उन्होंने उस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए ये बात कही, जिसमें बताया गया था कि भारत में गैंडों के शिकार लगभग ख़त्म हो गए हैं।
असम में कॉन्ग्रेस पार्टी के शासनकाल में 167 गैंडों का शिकार हुआ था, जबकि 2021 में मात्र 1 गैंडे का शिकार हुआ। इस तरह असम में गैंडे का शिकार 21 वर्षों के न्यूनतम स्तर पर है। भाजपा ने सत्ता में आने से पहले ही वादा किया था कि वो एक सींग वाले गैंडों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। राष्ट्रीय अभ्यारण्य में भी गैंडों के शिकार पर अंकुश लगा है। असम के स्पेशल DGP जीपी सिंह को काजीरंगा नेशनल पार्क के ‘एंटी-पोचिंग टास्क फोर्स (APTF)’ के मुखिया भी हैं।
उन्होंने बताया कि 2021 में सिर्फ अप्रैल महीने में ही एक गैंडे का शिकार हुआ, उसके अलावा किसी अन्य महीने ऐसी कोई घटना देखने को नहीं मिली। जून 2021 में असम में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार ने इस टास्क फोर्स का गठन किया था। स्पेशल डीजीपी ने इसके लिए असम की सरकार और वन विभाग के कर्मियों को धन्यवाद भी दिया। बता दें कि एक सींग वाले गैंडे को असम का प्रतीक माना जाता है। 2001-2016 के दौरान इनका जम कर शिकार किया गया था।
Bravo, @narendramodi and bravo to all the men and women who sacrifice their lives in protecting the animals in India too. I’ve met lots of them and I respect you immensely! 🙏🏽 https://t.co/x4P0fZs5co
— Kevin Pietersen🦏 (@KP24) January 19, 2022
इस अवधि में प्रदेश में कॉन्ग्रेस पार्टी की सरकार थी।अकेले 2013-14 में असम में 54 गैंडों के शिकार की खबर आई थी। 2001-2016 के बीच काजीरंगा राष्ट्रीय अभ्यारण्य और मानस में कुल मिला कर 167 गैंडों का शिकार हुआ। इस तरह से देखा जाए तो गठन के साथ ही APTF ने झंडे गाड़ने शुरू कर दिए हैं। अप्रैल 2021 में तालाब में एक गैंडे की लाश मिली थी, जिसका सींग गायब था। असम में फ़िलहाल 3400 गैंडे हैं। पिछले दशक में उनकी संख्या खासी बढ़ी है।