पाकिस्तान ने अब भारत के बाद अपनी खुद की गुलामी में पड़े पाकिस्तान ऑक्युपाइड कश्मीर (POK) में भी हिंसा और दमन का चक्र शुरू कर दिया है। POK के मुज़फ़्फ़राबाद में पाकिस्तान के अवैध कब्जे के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन पर पाकिस्तान के सशस्त्र सुरक्षा बलों ने भयंकर हिंसा की है। दो लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है, और 80 लोग घायल हो गए हैं। गौरतलब है कि POK में 22 अक्टूबर की तारीख को ‘काला दिवस’ (‘Black Day’) मनाया जाता है। उस ही तारीख को 1947 में पाकिस्तानी सेना ने महाराज हरी सिंह के जम्मू और कश्मीर राज्य पर हमला किया था।
पाकिस्तान से आजादी पाने के लिए POK में सक्रिय सभी राजनीतिक पार्टियों के गठबंधन All Independent Parties Alliance (AIPA) ने इस रैली का आयोजन किया गया था। इसका मकसद पाकिस्तान के अवैध कब्ज़े के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।
https://twitter.com/ANI/status/1186941378904952832?ref_src=twsrc%5EtfwPOK और गिलगित बाल्टिस्तान के लोग आज के दिन इकट्ठे होकर अपना विरोध प्रदर्शन करते हैं। इस साल पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकर्ताओं के ऊपर न केवल आँसू गैस से हमला कर दिया, बल्कि लाठीचार्ज भी किया।
https://twitter.com/Namaloom__Shaqs/status/1186610590678212613?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/Taimur_Laal/status/1186599331102633985?ref_src=twsrc%5Etfwऔर यह हमला किया भी उस समय गया जब पाकिस्तान का विदेश कार्यालय पत्रकारों और विदेशी राजनयिकों का एक प्रतिनिधिमंडल ले कर भारत के खिलाफ प्रोपेगंडा करने उन्हें POK के पास दौरे पर ले कर गया था।
इसके अलावा पाकिस्तान ने POK में आम जनता और नेताओं के अलावा पत्रकारों पर भी हमला किया और उनके साथ हिंसा की। मुज़फ़्फ़राबाद के प्रेस क्लब में Jammu Kashmir People’s National Alliance (JKPNA) नामक पार्टी मीडिया ब्रीफिंग कर रही थी। पुलिस ने उस पर भी हमला बोल कर लाठीचार्ज किया और पत्रकारों के साथ मारपीट करने के अलावा उनके रिकॉर्डिंग इक्विपमेंट भी तोड़ दिए।
https://twitter.com/AdityaRajKaul/status/1186935809758220290?ref_src=twsrc%5Etfwइसके बाद बिफरे पत्रकारों ने भी पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।