‘पैगंबर मुहम्मद ने 19 महिलाओं से निक़ाह क्यों किया?’ – सवाल पूछने पर मुस्लिम लड़की को सरेआम फाँसी की माँग

अनीला एहसान (बाएँ) पर लगा ईशनिंदा का आरोप

पाकिस्तान की अनीला एहसान ने पैगंबर मुहम्मद पर सवाल उठाकर वहाँ के कट्टरपंथियों को बैठे-बिठाए एक मुद्दा दे दिया। अब उन्हें इस्लामिक क़ानून के अनुसार, मज़हब के ख़िलाफ़ ‘ईशनिंदा’ के आरोप का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, पाकिस्तानी यूज़र्स ट्विटर पर उनकी गिरफ़्तारी और फाँसी की माँग करते हुए हैशटैग ट्रेंड करा रहे हैं।

https://twitter.com/AneelaEhsan/status/1210651396091138053?ref_src=twsrc%5Etfw

अनीला ने ट्वीट के ज़रिए पैगंबर मुहम्मद की निक़ाह से संबंधित सवाल उठाया और पूछा था कि उन्होंने (पैगंबर) खदीजा के अलावा 18 महिलाओं से निक़ाह क्यों किया था? इसी सवाल के जवाब में, पाकिस्तानियों ने अपने ट्वीट में अपने प्रधानमंत्री इमरान खान को टैग करते हुए अनीला को सार्वजनिक तौर पर फाँसी देने की माँग की।

https://twitter.com/usamatahir717/status/1211126986934046720?ref_src=twsrc%5Etfw

हालाँकि, कुछ लोग चाहते हैं कि उन्हें ट्रायल के बाद मौत के घाट उतारा जाए। किसी भी इस्लामिक राज्य में ईशनिंदा की सज़ा मौत होती है। साथ ही नबी के अपमान को निन्दा के सबसे ख़राब रूपों में से एक माना जाता है।

https://twitter.com/S_E_Mirza/status/1210968684212215810?ref_src=twsrc%5Etfw

कुछ लोग कह रहे हैं कि अनीला अपने ट्वीट्स के कारण ‘इस्लाम-विरोधी और चरमपंथी’ प्रतीत हो रही हैं। वे चाहते हैं कि अधिकारी इस बात की जाँच करें कि वह इस तरह के चरमपंथी एजेंडे पर काम क्यों कर रही हैं?

https://twitter.com/MNaeemShehzad/status/1210978041557446658?ref_src=twsrc%5Etfw

अन्य लोगों ने अनीला पर “नफ़रत फैलाने” का आरोप लगाया और कहा कि वे अलीना के कुछ ही ट्वीट्स पढ़ सके उससे अधिक वो नहीं पढ़ सकते थे क्योंकि उन ट्वीट्स में “खुले तौर पर ईशनिन्दा” की गई है।

https://twitter.com/MBkhaNodho/status/1210991264323256321?ref_src=twsrc%5Etfw

पाकिस्तान में ईशनिन्दा के लिए एक बड़ी सज़ा है, यहाँ तक ​​कि इसके लिए फाँसी की सज़ा भी हो सकती है। इतना ही नहीं जो लोग ईशनिंदा करने वालों का समर्थन करते देखे जाते हैं, उनके जीवन पर भी ख़तरा मँडराने लगता है। पाकिस्तान में ईशनिंदा क़ानूनों से छुटकारा पाना असंभव है और अधिकारी ईशनिंदा को बहुत गंभीरता से लेते हैं क्योंकि ऐसा करने में विफल होने से क़ानून-व्यवस्था पर संकट आ सकता है। यदि अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो मौलाना वर्ग एक उन्मादी भीड़ को इकट्ठा कर उत्पात मचाएगा। इस तरह की उन्मादी भीड़ सैन्य पकड़ को अस्थिर करने की पूरी क्षमता रखती है।

इस बात को भी याद रखना होगा कि पाकिस्तान में ईशनिंदा क़ानूनों को खत्म करने के पैरवी करने वाले सलमान तासीर की हत्या की गई थी। इतना ही नहीं हत्यारे को पाकिस्तानी समाज ने नायक के रूप में सम्मानित भी किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया