वैश्विक दबाव के चलते भारत को परमाणु युद्ध की धमकी देने वाले पाकिस्तानी हुक्मरानों के सुर बदलने लगे हैं। भारत को जंग की धमकी और परमाणु हमले की धौंस देने वाला पाकिस्तान आखिरकार मुँह लटकाकर बातचीत की टेबल पर आ गया है। कश्मीर मुद्दे पर दुनिया भर में अपना प्रोपगेंडा बेचने में नाकाम रहने के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि भारत से द्विपक्षीय बातचीत में कोई ऐतराज नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका मुल्क भारत के साथ ‘सशर्त द्विपक्षीय’ बातचीत करने के लिए तैयार है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने शनिवार (अगस्त 31, 2019) को कहा, “हमने कभी भी भारत के साथ बातचीत से इनकार नहीं किया। पाकिस्तान अभी भी भारत के साथ द्विपक्षीय बातचीत के लिए तैयार है। लेकिन भारत बातचीत का माहौल नहीं बना रहा है।”
Pakistani media: “Pakistan ready for ‘conditional’ bilateral talks with India”, says Foreign Minister Shah Mahmood Qureshi (file pic) pic.twitter.com/gyzPLGNhFa
— ANI (@ANI) August 31, 2019
कुरैशी ने कहा कि इस मसले पर यदि कोई तीसरा मुल्क मध्यस्थता करे तो उन्हें खुशी होगी। बातचीत की शर्त रखते हुए कहा कि इसके लिए भारत को कश्मीर में नजरबंद अलगाववादी नेताओं को रिहा करना होगा। कुरैशी ने बातचीत के लिए एकपक्षीय शर्त रखते हुए कहा कि उन्हें कश्मीरी नेतृत्व से मिलने की इजाजत दी जाए, ताकि वे उनसे बात कर सकें और फिर कश्मीरी नेतृत्व पर बातचीत के लिए दबाव डाल सकें।
बता दें कि, अभी हाल ही में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने गीदड़ भभकी देते हुए कहा था कि भारत के प्रधानमंत्री को याद रखना चाहिए, दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं। परमाणु युद्ध में कोई विजेता नहीं होगा। ये न सिर्फ इस क्षेत्र में कहर बरपाएगा बल्कि पूरी दुनिया को इसके परिणाम भुगतने होंगे।
गौरतलब है कि, कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान ने जितना हो सके दुनिया को बरगलाने की कोशिश की। पाकिस्तान दुनिया के ताकतवर मुल्कों के पास गया, इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी से गुहार लगाई। मानवाधिकार संगठनों के पास जम्मू-कश्मीर की झूठी कहानी सुनाई, लेकिन पाकिस्तान के रुख और पुराने रिकॉर्ड से वाकिफ दुनिया ने पड़ोसी मुल्क का न सिर्फ तर्क मानने से इंकार कर दिया, बल्कि रूस, फ्रांस, अमेरिका और यूएई जैसे देशों ने तो दो टूक कहा कि कश्मीर मुद्दा द्विपक्षीय है, और इसमें किसी के दखल की जरूरत नहीं है।