बुधवार के दिन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर स्थित डायमर भाषा डैम (बांध) का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया। जबकि भारत इस डैम के निर्माण कार्य पर पहले ही आपत्ति जता चुका है इसके बावजूद पाकिस्तान ने चीन के साथ साझेदारी में बनाए जा रहे इस डैम का निर्माण कार्य शुरू करा दिया है।
गिलगिट बाल्टिस्तान स्थित चिलस में एक जन सभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने इस बारे में जानकारी दी। इमरान खान ने कहा तर्बेला डैम और मंगला डैम के बाद यह पाकिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा डैम होगा। इसके माध्यम से 4500 मेगावाट बिजली पैदा होगी और 16 हज़ार नौकरियाँ उत्पन्न होंगी। इसके अलावा साल 2028 तक इस परियोजना के पूरी होने की उम्मीद है।
पाकिस्तान सरकार ने मई महीने में चीन सरकार द्वारा संचालित एक संस्था के साथ 442 बिलियन के साझा अनुबंध पर हस्ताक्षर किया। डायमर भाषा डैम का निर्माण मुख्य रूप से चीन सरकार की एक संस्था और पाकिस्तानी सेना की आर्थिक शाखा साझा तौर पर करेगी। इस परियोजना में चीन सरकार की संस्था 70 फ़ीसदी की हिस्सेदार होगी और पाकिस्तानी सेना की आर्थिक शाखा, फ्रंटियर्स वर्क्स आर्गेनाईजेशन (FWO) केवल 30 फ़ीसदी की हिस्सेदार होगी।
मई महीने में चीन के साथ इस डैम के निर्माण का साझा करार करने पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी। भारत सरकार ने आपत्ति जताते हुए कहा कि पाकिस्तान के अवैध कब्ज़े वाले क्षेत्र में इस तरह का निर्माण कार्य सही नहीं है।
इस मामले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने भारत सरकार का पक्ष रखा था। उन्होंने कहा, “इस पहलू पर हमारा मत स्थिर और स्पष्ट है कि पूरे जम्मू कश्मीर और लद्दाख की सीमा भारत का अभिन्न अंग है। हम पाकिस्तान और चीन दोनों के साथ इस मुद्दे पर अपना विरोध, असहमति और चिंता जताते रहे हैं।”
पाकिस्तान काउंसिल ऑफ़ कॉमन इन्ट्रेस्ट ने साल 2010 में ही इस परियोजना को हरी झंडी दिखा दी थी। क्योंकि इस परियोजना में तमाम अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी भी शामिल थीं इसलिए इसका निर्माण कार्य रुका हुआ था। इसके कुछ समय बाद भारत ने भी इसका खुल कर विरोध किया था क्योंकि इस डैम का अधिकांश हिस्सा गिलगिट बाल्टिस्तान में आता है। वहीं इमरान खान का कहना था कि इस डैम का निर्माण इसलिए देरी से शुरू हुआ क्योंकि पिछली सरकारों ने थर्मल पावर स्टेशन बनाने पर ज़ोर दिया था।
इमरान खान के मुताबिक़ इस डैम को तैयार करने का फैसला लगभग 50 साल पहले लिया गया था। इसे बनाने के लिए इससे बेहतर जगह कोई और नहीं हो सकती है, यह पूरी तरह से प्राकृतिक डैम है। आज इस डैम के निर्माण का फैसला ले लिया गया है। इसके अलावा इमरान खान ने नदियों पर कई डैम बनाने का ऐलान किया, जिससे सस्ते दामों पर ऊर्जा मिले और विदेश से ईधन खरीदने के लिए विदेशी लेन-देन का भार कम हो।
पाकिस्तानी मीडिया समूह डॉन (dawn) में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़ इस डैम के तैयार हो जाने के बाद पाकिस्तान की संग्रह क्षमता (स्टोरेज कैपेसिटी) 30 से 48 दिन हो जाएगी। ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी सुविधाएँ बढ़ेगी, निवेश ज़्यादा होगा और 4500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन होगा। साथ ही इससे ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने में भी मदद मिलेगी। इस दौरान इमरान खान के साथ पाकिस्तानी सेना के मुखिया कमर जावेद बाजवा और आईएसआई के मुखिया फैज़ हामिद समेत कई नेता और अधिकारी मौजूद थे।