किर्गिज्स्तान में पाकिस्तानी छात्रों को लगातार स्थानीय लोग निशाना बना रहे हैं। भारतीय छात्रों के लिए भी एडवायजरी जारी की गई है, कि वो अपने घरों से बाहर न निकलें, ताकि किसी गलतफहमी का शिकार वो न बने सकें। इस बीच, पाकिस्तान के बहुत से छात्र किर्गिज्स्तान से भागकर अपने देश वापस लौट रहे हैं। वो अपनी सरकार से गुस्सा हैं कि सरकार ने उनकी कोई मदद नहीं की, जबकि भारतीय छात्रों के लिए भारत सरकार हमेशा खड़ी रहती है। ऐसे में पाकिस्तानियों का गुस्सा अपने ही देश पर निकल रहा है, साथ ही उस पूरी इस्लामिक जमात पर भी, जो ‘इस्लामिक उम्माह’ यानी एकजुटता के नाम पर सिर्फ दिखावा करते हैं, लेकिन जब भी उन्हें जरूरत होती है, वो एक-दूसरे का साथ नहीं देते।
किर्गिज्स्तान से भाग कर लाहौर पहुँचे एक युवक ने कहा, “किर्गिज्स्तान में कोई भी जगह हमारे लिए सुरक्षित नहीं। स्थानीय लोगों का साथ वहाँ की पुलिस भी दे रही है। घटना की रिपोर्ट करने के 2-3 घंटों के बाद पुलिस पहुँच रही है और खानापूर्ति करके निकल जा रही है। छात्र ने बताया कि किर्गिज्स्तान में 10 हजार से ज्यादा छात्र हैं, जिसमें से अधिकाँश के साथ ज्यादतियाँ हो रही हैं, लेकिन उनकी कोई मदद नहीं की जा रही है। सभी छात्र अपनी किस्मत के भरोसे हैं।”
खास बात ये है कि जो छात्र खुद के दम पर किर्गिज्स्तान से भागकर लाहौर पहुँचे, उनका स्वागत करने पाकिस्तान के गृहमंत्री तक पहुँच गए, जबकि होना ये चाहिए था कि अगर सरकार उन्हें लाती, तब स्वागत करती। कौन सा वो खुशी-खुशी लौट रहे हैं। इस बात से पाकिस्तानी बेहद नाराज नजर आ रहे हैं।
छात्र ने बताई विवाद की असली जड़
इस पूरे विवाद की शुरुआत की कहानी को बताते हुए पाकिस्तानी छात्र ने कहा, ‘इजिप्टियन छात्रों ने एक स्थानीय छात्र को प्लेन में पीट दिया। इसका उन्होंने वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर डाल दिया। ये वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय लोग भड़क उठे और जहाँ भी विदेशी छात्र मिले, उन्हें निशाना बनाया जाने लगा। स्थानीय लोगों ने छात्रों के ठिकानों में तलाशी ली। वो विदेशी छात्रों को ढूँढकर पीट रहे हैं। उन्होंने पूरी रात हमले किए।’ छात्र ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन से जुड़े लोग झूठ बोल रहे हैं कि हालात सामान्य है, वहाँ कुछ भी सामान्य नहीं है और कोई भी विदेशी छात्र सुरक्षित नहीं है।
मुस्लिम उम्माह पर फूटा गुस्सा, पाकिस्तानियों ने बकी गालियाँ
पूजा सांगवान नाम की एक्स यूजर ने मुस्लिम उम्माह पर बरस रहे पाकिस्तानियों के ट्वीट्स को एक जगह पर रखा है। उन्होंने लिखा, “पाकिस्तानी छात्रों पर किर्गिज्स्तानी लोगों के हमले के बाद पाकिस्तानी इस्लामिक कट्टरपंथियों को समझ में आ गया है कि ‘उम्माह’ नाम की कोई चीज नहीं है। इन हमलों के बाद तुर्किश मुस्लिम उम्माह भी पाकिस्तानी उम्माहजियों पर हमले कर रहे हैं।”
पूजा ने पश्तून मैटर्स नाम के एक्स हैंडल का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया है, जिसमें लिखा है, “भाड़ में जाए उम्माह, पाकिस्तान पहले…”
After the attack on Pakistani students by #Kyrgyzstan people.
— Pooja Sangwan ( Modi Ka Parivar ) (@ThePerilousGirl) May 18, 2024
Pakistani Ummahjeets (Islamist) understood that there is no such thing as Ummah.
After this attack, Turkish Muslim Ummah Twitter is also attacking Pakistani Ummahjeets.
Thread 🧵 on #UmmahJeets & Kyrgyz & Turks🤣👇🏻 pic.twitter.com/14B6A8R5De
शेर खान नाम का पाकिस्तानी यूजर अपने देश के न्यूक्लियर वेपन को दिखा रहा है। उसने लिखा, ‘भाड़ में जाए उम्माह और ऐसी कोई भी चीज। हम एक परमाणु संपन्न देश हैं और सभी मुस्लिम देशों में हमारी सेना सबसे बड़ी है। हमें हरेक देश की बैंड बजानी चाहिए।’ अरे भाई, जनाब शेर खान की चले तो वो हर मुस्लिम देश में घुसकर उसे सबक सिखाना चाहेंगे।
ब्लैकपिल्ड नाम के पाकिस्तानी ने लिखा, “समय आ गया है जब पाकिस्तान राष्ट्रवादी सैन्यवाद अपनाए। भाड़ में जाए उम्माह और हर वो व्यक्ति, जो पाकिस्तान के खिलाफ है। उम्माह की बात करने वालों को तुर्की डिपोर्ट कर दो, जिन्हें लोकल लोग जकर तोड़ (पीटेंगे) देंगे।”
दरअसल, स्थानीय किर्गिज्स्तानियों के हमलों का समर्थन तुर्की के लोग कर रहे हैं, ऐसे में पाकिस्तानियों का गुस्सा तुर्कों पर भी फूट पड़ा है।
पूजा सांगवान ने ऐसे कई ट्वीट्स संकलित किए हैं, जिसमें पाकिस्तानी और तुर्किश लोग ही आमने-सामने आ गए हैं। एक तरफ तो किर्गिज्स्तान में पाकिस्तानियों की जान पर बन आई है, तो अब एक्स पर मुस्लिम उम्माह को लेकर गुस्सा देखा जा रहा है। ये हालात बताते हैं कि पाकिस्तान का मुस्लिम देशों पर कितना असर है। चूँकि किर्गिज्स्तान में मुस्लिम आबादी ही बहुसंख्यक है और वो भी मुस्लिम उम्माह के सदस्य हैं, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में जिस तरह से पाकिस्तानियों को बलि का बकरा बनाया गया, उसने पाकिस्तानी सरकार की हैसियत को भी एक्सपोज कर दिया है। वहीं, इसके उलट, भारत सरकार न सिर्फ किर्गिज्स्तान में भारतीय छात्रों के साथ खड़ी है, बल्कि आर्मीनिया, यूक्रेन या अन्य युद्धग्रस्त क्षेत्रों तक से उन्हें निकालने के लिए स्पेशल ऑपरेशन चलाए, वहीं पाकिस्तानी सरकार मदद करने की जगह अपने ही खर्चे पर भागकर पाकिस्तान पहुँच रहे छात्रों के साथ फोटोबाजी करके ही खुश है।