इस्लामिक शिक्षा और नशामुक्ति के नाम पर नाइजीरिया के मदरसों में यौन उत्पीड़न का घिनौना खेल धीरे-धीरे उजागर होने लगा है। खबर है कि बुधवार (अक्टूबर 16, 2019) को उत्तरी नाइजीरिया के मदरसों में छापेमारी के दौरान पुलिस ने 500 बच्चों और पुरुषों को आजाद करवाया। इनमें से अधिकतर को जंजीरों से बाँधकर रखा गया था। इनका यौन शोषण किया जाता था। इनसे मारपीट की जाती थी। इसके अलावा इन्हें हर अकल्पनीय प्रताड़ना दी जाती थी।
बुधवार को कातसिना में हुई ये छापेमारी एक महीने में लगातार तीसरी छापेमारी है। जिसमें अब तक 1000 से ज्यादा पुरूष और बच्चे आजाद करवाए जा चुके हैं। इससे पहले 29 सितंबर को नाइजीरिया के कादुना में छापेमारी के दौरान 300 बच्चों और पुरुषों को आजाद करवाया गया था। उस समय भी खुलासा हुआ था कि बंधक बनाए लोगों को जंजीरों से बाँधकर हर तरीके से प्रताड़ना दी जा रही थी। उन्हें भूखा रखा जाता था। उनका शोषण होता था। उनकी स्थिति इतनी खराब थी कि आजाद होने के बाद भी उन्हें चलने के लिए मदद की जरूरत पड़ रही है।
लेकिन, बुधवार को प्रकाश में आए मामले में पुलिस के बयान का हवाला देकर कहा जा रहा है कि मुक्त कराए गए 500 में से 300 लोग ऐसे हैं जिन्हें नियमित तौर पर प्रताड़ित नहीं किया गया लेकिन 200 लोग ऐसे हैं जिनको प्रतिदिन प्रताड़ना दी गई।
पुलिस ने बताया कि मदरसे की दूसरा बिल्डिंग सबसे ज्यादा खतरनाक थी। वहाँ बच्चों का शोषण होता था। क्योंकि कई नए छात्रों और लोगों को पहले मदरसे में रखा जाता, फिर उन्हें उस दूसरी बिल्डिंग में भेज दिया जाता। जहाँ उनका यौन शोषण होता।
उल्लेखनीय है कि नाईजीरिया के उत्तरी इलाके में इस्लामिक स्कूलों को अलमाजिरिस कहा जाता है। ये मुस्लिम अधिकारों पर केंद्रित क्षेत्रीय संस्था होती है, जिसमें 10 लाख के करीब बच्चे जाते हैं। लोग अपने बच्चों को यहाँ शिक्षा लेने भेजते हैं, कुछ बुरे बर्ताव में सुधार के लिए भेजते हैं, और कुछ अपने बच्चों के अनुशासन में रहने के लिए भेजते हैं। लेकिन यहाँ इनके साथ क्या होता है, इसका खुलासा धीरे-धीरे हो रहा है।
बता दें है कि कातसिना के निवासी और नाइजीरिया के राष्ट्रपति मुहम्मद बुहारी ने जून में कहा था कि वह अलमाजिरिस को बैन करने की सोच रहे हैं, पर अभी वो ऐसा करेंगे नहीं। लेकिन, मंगलवार को उन्होंने पुलिस को निर्देश देते हुए कहा कि वे जाकर ऐसे सभी केंद्रो की तलाश करें और जहाँ भी ये हों, उन्हें बैन कर दिया जाए। प्राप्त जानकारी के मुताबकि ये आदेश सिर्फ़ उन्हीं जगहों पर लागू करने के लिए कहा गया है जहाँ धर्म के नाम पर लोगों से दुर्व्यवहार होता है। अन्य अलमाजिरिस पर नहीं।