केरल के एर्नाकुलम में स्थित चर्च संचालित निर्मला कॉलेज में मुस्लिम छात्रों के नमाज के लिए अलग कमरा माँगने पर विवाद हो गया है। इसके विरोध में कॉलेज प्रशासन और चर्च उतर आया है और इसे मजहबी दखल बताते हुए नमाज को अनुमति ना देने की बात कही है। ईसाई संगठन भी इसके खिलाफ हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह पूरा मामला शुक्रवार (26 जुलाई, 2024) से चालू हुआ। निर्मला कॉलेज के वेटिंग हॉल में कुछ मुस्लिम छात्राओं ने नमाज पढ़ी। इसकी जानकारी कॉलेज के कर्मचारियों ने कॉलेज प्रशासन को दी। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने लड़कियों को यहाँ नमाज पढ़ने से रोक दिया।
इसके बाद कॉलेज में मुस्लिम छात्रों ने प्रदर्शन चालू कर दिया और कैम्पस के भीतर ही रोज नमाज पढ़ने के लिए अलग से एक कमरे की माँग करने लगे। मुस्लिम छात्रों ने कहा कि यह उनके मजहब का हिस्सा है और उन्हें अलग से कमरा चाहिए ही। इस पर कॉलेज के प्रिंसिपल जस्टिन कन्नड़न ने साफ इनकार कर दिया।
कॉलेज प्रशासन ने कहा कि यह एक सेक्युलर संस्थान है और यहाँ किसी को नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती। कॉलेज प्रशासन ने मुस्लिम छात्रों से कहा कि यदि वह नमाज ही पढ़ना चाहते हैं तो उन्हें शुक्रवार को इसके लिए छुट्टी दे दी जाएगी, बस उन्हें लिखित आवेदन देना होगा।
कॉलेज प्रशासन ने कहा कि कॉलेज से मस्जिद की दूरी मात्र 200 मीटर है और छात्र-छात्राएँ वहाँ जाने के लिए स्वतंत्र हैं। मुस्लिम छात्रों के समर्थन में कुछ छात्र संगठन भी उतर आए। कॉलेज में हुई इस घटना के बाद केरल के साइरो मालाबार चर्च और कैथोलिक कॉन्ग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई।
ईसाई संगठन विरोध में उतरे
साइरो मालाबार चर्च ने इसे ईसाई संस्थानों में मजहबी दखल का नाम दिया है। साइरो मालाबार चर्च की पब्लिक अफेयर्स कमिटी ने कहा है कि ईसाई संस्थानों में मजहबी दखल के प्रयासों का विरोध किया जाएगा। इसके मुखिया बिशप थारयिल ने कहा, ”मुवत्तुपुझा निर्मला कॉलेज में हुई घटनाओं ने यहाँ के माहौल को बिगाड़ दिया है। यह एक स्वायत्त संस्थान है जो अपने शैक्षणिक मानकों को बनाए रखता है। छात्रों के एक समूह ने कॉलेज के प्रिंसिपल को घेर लिया और नारे लगाए कि कॉलेज परिसर में नमाज पढ़ने के लिए एक छात्रों को एक कमरा दिया जाए।”
उन्होंने मुस्लिम छात्रों की मांगों को मनवाने के लिए छात्र संगठनों के समर्थन पर भी हमला बोला है। उन्होंने कहा, ”यह चिंता का विषय है कि केरल के दो मुख्य छात्र संगठन भी ऐसी माँग उठाकर कॉलेज के माहौल को दूषित किया। इस माँग का कोई भी नैतिक या कानूनी आधार नहीं है। इन गतिविधियों के पीछे साजिश और इनके मकसद की जाँच होनी चाहिए।”
केरल के एक और बड़े ईसाई संगठन कैथोलिक कॉन्ग्रेस ने भी नमाज के लिए कमरे दिए जाने की माँग का विरोध किया है। कैथोलिक कॉन्ग्रेस ने कहा, ”चर्च संचालित कॉलेज और स्कूलों में नमाज़ पढ़ने के लिए कोई कमरा या जगह नहीं दी जाएगी। हालाँकि, छात्रों को नमाज़ के लिए नज़दीकी मस्जिदों में जाने की अनुमति होगी।”
उसने आगे कहा, “कुछ जगहों से यह माँग उठ रही है कि मस्जिदों के पास में स्थित शिक्षण संस्थानों में महिलाओं के लिए नमाज़ पढ़ने के लिए जगह बनाई जानी चाहिए। हालाँकि, इस बात को समझने की जरूरत है कि केवल मस्जिद में लड़कियों को नमाज के लिए जगह नहीं मिल रही, इस आधार पर उन्हें चर्च में जगह नहीं दी जा सकती।”
कैथोलिक कॉन्ग्रेस ने इस मामले में मौलवियों से अपील की कि वह रुढ़िवादी ना बनें और मस्जिदों में महिलाओं के लिए जगह बनाएँ। कैथोलिक कॉन्ग्रेस ने कहा कि चर्च संचालित संस्थानों के संविधान में है कि यहाँ ईसाई धार्मिक भावनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा और संरक्षित किया जाएगा। ऐसे में किसी को भी इसे डिस्टर्ब नहीं करने दिया जा सकता।
भाजपा ने पूछा- क्या मुस्लिम देते हैं जगह
नमाज के लिए कमरा माँगने को लेकर भाजपा ने विरोध जताया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के सुरेन्द्रन ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “केरल में हिंदू और ईसाई संस्थानों में जानबूझकर अराजकता फैलाने की कोशिशें हो रही हैं जिन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता। प्रिंसिपल के अनुशासन लागू करने पर धमकियाँ देना कॉन्ग्रेस और वामपंथी संगठनों का असली चेहरा दिखाता है।”
Deliberate attempts are being made to chaos in Hindu & Christian educational institutions in Kerala are unacceptable. Threatening principals for enforcing discipline shows the true face of religious extremism supported by the Left and Congress. Do any Muslim-managed institutions…
— K Surendran (@surendranbjp) July 28, 2024
आगे उन्होंने इस माँग को लेकर प्रश्न उठाए। उन्होंने कहा, ” क्या कोई मुस्लिम संस्थान गैर-मुस्लिम प्रार्थना की अनुमति देता है? सरकार को मुवत्तुपुझा मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।भाजपा इस तरह के उकसावे के खिलाफ़ है और संस्थानों को हर संभव सहायता भी देगी।”
गौरतलब है कि निर्मला कॉलेज 1953 में स्थापित किया गया था। यह एक ईसाई अल्संपख्यक संस्थान है। इसका संचालन केरल की सीरियन कैथोलिक चर्च करता है। इस संस्थान के भीतर 3000 छात्र पढ़ते हैं और यहाँ एक चर्च भी है। मुस्लिम छात्रों की नमाज पढ़ने की जगह के माँग के बाद यहाँ अब विवाद खड़ा हो गया है।