‘MLA नहीं होता तो बताता’: केरल में वामपंथी नेता करीम के समर्थकों ने पत्रकार को धमकाया, दीवार पर चिपकाए पोस्टर

मलयाली पत्रकार पर माकपा का हमलावर (चित्र साभार: onmanorma)

मलयालम न्यूज चैनल एशियानेट के होस्ट व केरल पत्रकार वीनू वी जॉन (Vinu V John) को राज्य की कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) द्वारा लगातार परेशान करने का काम जारी है। इससे पहले क्षेत्र की सीटू (सेंटर ऑफ यूनियन ट्रेड यूनियन) ईकाई ने उनके घर की दीवारों पर अपशब्द वाले पोस्टर चिपका दिए थे। इसके महासचिव सीपीआईएम के नेता हैं। इन पोस्टर्स में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान और उन्हें अलग-थलग करने की बात की गई थी।

वीनू जॉन से सीपीआईएम की नाराजगी पिछले हफ्ते शुरू हुई थी। केरल में तब ट्रेड यूनियनों ने बंद का आह्वान किया था और राज्य की सड़कों पर अपना कब्जा जमा लिया था। ऐसे में इस बीच एक रिक्शा वाला एक मरीज को ले जाता दिखा, जिसे प्रदर्शनकारियों द्वारा सताया गया। उससे मारपीट हुई। उसका खून निकला। ऐसे में सीटू के महासचिव ने इस घटना की निंदा करने की बजाय संवेदनहीन बयान दिया। उन्होंने कहा कि हमने स्ट्राइक के बारे में दो बार पहले ही बता दिया था और अब ये कह रहे हैं कि किसी को खरोंच आ गई, कोई नोच लिया गया।

वीनू जॉन के बयान पर बवाल

जब वीनू जॉन ने इस तरह प्रदर्शन से सामान्य जन को प्रभावित होते देखा और पाया कि कैसे एक मरीज को ले जाने पर रिक्शा वाले को प्रदर्शनकारियों की हिंसा का शिकार होना पड़ा। तो उन्होंने सवाल किया कि अगर सीटू के महासचिव एलाराम करीम या फिर सीपीएम के वरिष्ठ नेताओं के साथ ऐसा कुछ हुआ होता तो क्या होता।

उन्होंने अपने शो में इस घटना पर कहा था, “उन्हें (प्रदर्शनकारियों को) उसमें तोड़फोड़ करनी चाहिए थी जिसमें एलाराम करीम जा रहे थे। अगर वह अपने परिवार के साथ यात्रा कर रहे होते, तो उनको गाड़ी से उतारा जाना चाहिए था। करीम की गाड़ी की हवा निकाल देनी चाहिए थी। यासीर की तरह करीम के मुँह पर झापड़ पड़ता, खून निकलता तब उन्हें एहसास होता कि ये सिर्फ खरोंचना था, नोचना था या फिर बेइज्जती थी।”

पत्रकार से CPIM की नाराजगी

उनके इसी बयान के बाद सीपीआईएम कार्यकर्ता एशियानेट न्यूज एंकर वीनू वी डॉन से नाराज हो गए। पार्टी ने राज्यसभा सदस्या एलाराम करीम के विरुद्ध हिंसा भड़काने का आरोप मढ़ा और न्यूज चैनल के कार्यालय तक मार्च करके अपना विरोध दिखाया। चैनल ने इस बाबत बयान दिया कि उनके पत्रकार ने सिर्फ सामान्य जन की पीड़ा समझाने के लिए बात कही थी। सीपीएम ने ऐलान किया कि वो जॉन के शो में पार्टी के किसी प्रतिनिधि को नहीं भेजेंगे।

वामपंथी पार्टी के नेताओं ने इस बयान के बाद वीनू को धमकाने का काम किया। एक पीवी अनवर नाम के निर्दलीय विधायक जिन्हें लेफ्ट पार्टियों का समर्थन प्राप्त है, उन्होंने कहा कि अगर वो विधायक नहीं होते तो वो जानते हैं कि उन्हें जॉन से कैसे निपटना था। अनवर ने जॉन को केरल का सबसे भ्रष्ट पत्रकार बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे निम्न स्तर पर जाने के कारण वे लोग जॉन से पूछने पर मजबूर हैं कि उनके कितने बाप हैं।

वीनू जॉन को धमकी

बता दें कि इससे पहले जॉन के घर के बाहर कुछ पोस्टर लगाए गए थे। ये सीटू की पेरूकाड़ा शाखा का काम था। इसमें पूछा गया था कि क्या वीनू जॉन कोई मीडिया गुंडे हैं। इस पोस्टर में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन और उन्हें अलग थलग करने की बात कही गई थी। इसके अलावा सीटू महासचिव ने भी उनके विरुद्ध कार्रवाई की बात की थी। 

पत्रकार ने इस संबंध में बताया, “मुझ पर हमले हो रहे हैं, धमकी भरे फोन कॉल आ रहे हैं और आज सुबह यह नोटिस मिला और यह मेरे गेट पर और कॉलोनी में और उसके आसपास मिला। मैंने फैसला किया कि मैं शिकायत दर्ज नहीं करूँगा, लेकिन शायद मेरी कंपनी शिकायत कर सकती है। एक कारण मैं शिकायत नहीं कर रहा हूँ, मुझे पता है कि इस शिकायत से कुछ होने वाला नहीं है।”

एशियनेट के सिंधू सूर्याकुमार ने भी इस संबंध में अपने पत्रकार के साथ खड़े होने का दावा किया है। वह वीनू को मिल रही हर धमकियों के खिलाफ़ लीगल एक्शन ले रहे हैं। उन्होंने ये भी बताया है कि वो सीपीआईएम नेताओं से बात करके मामले को सुलझाना चाह रहे हैं। उनका कहना यही है कि लोकतांत्रिक समाज में इस तरह की हिंसा को कभी भी स्वीकारा नहीं जाएगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया