‘गुप्त सूत्रों’ से विकास दुबे का एनकाउंटर: राजदीप खोजी पत्रकारों के सरदार, गैंग की 2 चेली का भी कमाल

राजदीप सरदेसाई से लेकर स्वाति चतुर्वेदी तक विकास दुबे के एनकाउंटर की फर्जी ख़बरें फैलाते देखे गए

गैंगस्टर विकास दुबे को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन इस पूरे प्रकरण के दौरान कुछ वामपंथी पत्रकारों और राजदीप सरदेसाई जैसे एजेंडाबाजों द्वारा विकास दुबे के नाम पर निरंतर ही जमकर ‘जुआ’ खेला गया। यह जुआ और कुछ नहीं बल्कि विकास दुबे की सम्भावित एनकाउंटर को लेकर था।

जुलाई माह के पहले सप्ताह में ही हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का नाम तब सामने आया जब कानपुर स्थित चौबेपुर के बिकरू गाँव में उसे पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला किया गया। इसमें विकास और उसके गुंडों ने सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।

विकास दुबे इसके बाद से ही फरार था। इस घटना के बाद से ही सोशल मीडिया पर तथाकथित जर्नलिस्ट और ‘खोजी बुद्धिजीवी’ अपने काम में जुट गए। ऐसे पत्रकारों में प्रमुख नाम थे राजदीप सरदेसाई, गालीबाज ट्रोल स्वाति चतुर्वेदी और प्रोपेगेंडा वेबसाइट ‘द वायर’ की पत्रकार रोहिणी सिंह!

इन पत्रकारों की हर सुबह विकास दुबे के एनकाउंटर की सम्भावना वाले ट्वीट के साथ होते देखी जाने लगी। लेकिन इन खोजी पत्रकारों की तमाम सम्भावनाओं को तब विराम लग गया, जब आज बृहस्पतिवार (जुलाई 09, 2020) की सुबह ही पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया।

इस पूरे प्रकरण में इन प्रोपेगेंडा पत्रकारों की कॉन्स्पिरेसी थ्योरी खूब चर्चा का विषय रही। खोजी पत्रकारों ने विकास दुबे के एनकाउन्टर के लिए अपने तमाम ‘गुप्त सूत्रों’ का हवाला दिया और एनकाउंटर की सम्भावना की फर्जी ख़बरें फैलाकर पुलिस की छवि को अपने पूर्वग्रहों से धूमिल करने का प्रयास किया।

यहाँ तक कि राजदीप सरदेसाई ने विकास दुबे की गिरफ्तारी से ठीक आधे घंटे पहले ही यह दावा किया कि उसके पास बहुत से ‘बड़े नामों’ की जानकारी है, जिस कारण पुलिस उसका एनकाउंटर कर देगी। राजदीप ने इसके लिए एक पूर्व आईपीएस अधिकारी का जिक्र भी किया।

राजदीप ने ट्वीट में लिखा – “एक सेवानिवृत्त IPS अधिकारी मुझसे कहते हैं: इस बात की सम्भावना बहुत कम है कि विकास दुबे पकड़ा जाएगा; वह और उसके सहयोगी ज्यादातर एनकाउंटर कर दिए जाएँगे। वे बहुत से बड़े लोगों के बारे में बहुत सारे रहस्य जानते हैं। गैंगस्टर विकास दुबे द्वारा 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद भाग जाने के बाद आज 6वाँ दिन है। देखते जाइए।”

https://twitter.com/sardesairajdeep/status/1281072719287726085?ref_src=twsrc%5Etfw

लेकिन अभी तक भी राजदीप सरदेसाई के इस दावे पर कुछ ताजा समाचार सामने नहीं आए हैं और ना ही उनके ‘सेवानिवृत आईपीएस अधिकारी’ का ही कहीं कोई जिक्र आया है। हालाँकि, ट्विटर पर इन तथाकथित पत्रकारों के फ़ेक और बुनियादहीन दावों की जमकर आलोचना देखी जा रही है।

https://twitter.com/moronhumor/status/1281090900131790848?ref_src=twsrc%5Etfw

वहीं, स्वाति चतुर्वेदी ने कल कॉन्स्पिरेसी थ्योरी की सभी हदें पार करते हुए लिखा था कि विकास दुबे नेपाल पहुँचने में कामयाब रहा है। इस ट्वीट के कुछ ही घंटों बाद विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार किया गया है।

एक अन्य ट्वीट में स्वाति चतुर्वेर्दी ने गैंगस्टर विकास दुबे की उम्र का हवाला देते हुए लिखा था कि उसकी उम्र 50 साल से ज्यादा है। इस कारण उसका एनकाउंटर नहीं बल्कि उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

https://twitter.com/bainjal/status/1280762668534493184?ref_src=twsrc%5Etfw

इस पर रोहिणी सिंह ने ट्वीट में लिखा था कि क्योंकि बड़े लोग कहानियों को बाहर नहीं आने देना चाहते, शायद यही वजह है कि विकास दुबे का एनकाउंटर कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि विकास दुबे की गिरफ्तारी से पहले उसके कुछ बेहद करीबी पुलिस के साथ मुठभेड़ में मार दिए गए हैं। कानपुर में हुई 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद जब इस किस्से का उदय हुआ ही था, तब पुलिस ने घटना के करीब सात घंटे बाद हुई मुठभेड़ में विकास दुबे के चचेरे भाई और मामा को मार गिराया था।

इसके बाद विकास दुबे कि गिरफ्तारी से कुछ ही घंटों पहले पुलिस ने उसका साथ देने वाले उसके अन्य 2 साथियों को भी मार गिराया है। मारे गए अपराधियों का नाम प्रभात और रणवीर शुक्ला (बऊआ) है। पुलिस ने बुधवार (8 जुलाई, 2020) को इनका एनकाउंटर किया है।

इससे पहले पुलिस ने विकास के सबसे बड़े सहयोगी अमर दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया। हमीरपुर में बुधवार (जुलाई 8, 2020) की सुबह यूपी एसटीएफ और हमीरपुस पुलिस को एक संयुक्त ऑपरेशन के दौरान ये सफलता मिली। अमर दुबे मध्य प्रदेश की सीमा में घुस कर फरार होने की कोशिश में लगा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया