Friday, March 29, 2024
Homeरिपोर्टमीडिया'गुप्त सूत्रों' से विकास दुबे का एनकाउंटर: राजदीप खोजी पत्रकारों के सरदार, गैंग की...

‘गुप्त सूत्रों’ से विकास दुबे का एनकाउंटर: राजदीप खोजी पत्रकारों के सरदार, गैंग की 2 चेली का भी कमाल

"विकास दुबे नेपाल पहुँचने में कामयाब रहा। उसकी उम्र 50 साल से ज्यादा है, इसलिए उसका एनकाउंटर नहीं... लेकिन एक रिटायर्ड IPS अधिकारी ने कहा कि एनकाउंटर कर दिया जाएगा।" - कॉन्स्पिरेसी थ्योरी 1-2-3...

गैंगस्टर विकास दुबे को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन इस पूरे प्रकरण के दौरान कुछ वामपंथी पत्रकारों और राजदीप सरदेसाई जैसे एजेंडाबाजों द्वारा विकास दुबे के नाम पर निरंतर ही जमकर ‘जुआ’ खेला गया। यह जुआ और कुछ नहीं बल्कि विकास दुबे की सम्भावित एनकाउंटर को लेकर था।

जुलाई माह के पहले सप्ताह में ही हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का नाम तब सामने आया जब कानपुर स्थित चौबेपुर के बिकरू गाँव में उसे पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला किया गया। इसमें विकास और उसके गुंडों ने सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।

विकास दुबे इसके बाद से ही फरार था। इस घटना के बाद से ही सोशल मीडिया पर तथाकथित जर्नलिस्ट और ‘खोजी बुद्धिजीवी’ अपने काम में जुट गए। ऐसे पत्रकारों में प्रमुख नाम थे राजदीप सरदेसाई, गालीबाज ट्रोल स्वाति चतुर्वेदी और प्रोपेगेंडा वेबसाइट ‘द वायर’ की पत्रकार रोहिणी सिंह!

इन पत्रकारों की हर सुबह विकास दुबे के एनकाउंटर की सम्भावना वाले ट्वीट के साथ होते देखी जाने लगी। लेकिन इन खोजी पत्रकारों की तमाम सम्भावनाओं को तब विराम लग गया, जब आज बृहस्पतिवार (जुलाई 09, 2020) की सुबह ही पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया।

इस पूरे प्रकरण में इन प्रोपेगेंडा पत्रकारों की कॉन्स्पिरेसी थ्योरी खूब चर्चा का विषय रही। खोजी पत्रकारों ने विकास दुबे के एनकाउन्टर के लिए अपने तमाम ‘गुप्त सूत्रों’ का हवाला दिया और एनकाउंटर की सम्भावना की फर्जी ख़बरें फैलाकर पुलिस की छवि को अपने पूर्वग्रहों से धूमिल करने का प्रयास किया।

यहाँ तक कि राजदीप सरदेसाई ने विकास दुबे की गिरफ्तारी से ठीक आधे घंटे पहले ही यह दावा किया कि उसके पास बहुत से ‘बड़े नामों’ की जानकारी है, जिस कारण पुलिस उसका एनकाउंटर कर देगी। राजदीप ने इसके लिए एक पूर्व आईपीएस अधिकारी का जिक्र भी किया।

राजदीप ने ट्वीट में लिखा – “एक सेवानिवृत्त IPS अधिकारी मुझसे कहते हैं: इस बात की सम्भावना बहुत कम है कि विकास दुबे पकड़ा जाएगा; वह और उसके सहयोगी ज्यादातर एनकाउंटर कर दिए जाएँगे। वे बहुत से बड़े लोगों के बारे में बहुत सारे रहस्य जानते हैं। गैंगस्टर विकास दुबे द्वारा 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद भाग जाने के बाद आज 6वाँ दिन है। देखते जाइए।”

लेकिन अभी तक भी राजदीप सरदेसाई के इस दावे पर कुछ ताजा समाचार सामने नहीं आए हैं और ना ही उनके ‘सेवानिवृत आईपीएस अधिकारी’ का ही कहीं कोई जिक्र आया है। हालाँकि, ट्विटर पर इन तथाकथित पत्रकारों के फ़ेक और बुनियादहीन दावों की जमकर आलोचना देखी जा रही है।

वहीं, स्वाति चतुर्वेदी ने कल कॉन्स्पिरेसी थ्योरी की सभी हदें पार करते हुए लिखा था कि विकास दुबे नेपाल पहुँचने में कामयाब रहा है। इस ट्वीट के कुछ ही घंटों बाद विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार किया गया है।

एक अन्य ट्वीट में स्वाति चतुर्वेर्दी ने गैंगस्टर विकास दुबे की उम्र का हवाला देते हुए लिखा था कि उसकी उम्र 50 साल से ज्यादा है। इस कारण उसका एनकाउंटर नहीं बल्कि उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

इस पर रोहिणी सिंह ने ट्वीट में लिखा था कि क्योंकि बड़े लोग कहानियों को बाहर नहीं आने देना चाहते, शायद यही वजह है कि विकास दुबे का एनकाउंटर कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि विकास दुबे की गिरफ्तारी से पहले उसके कुछ बेहद करीबी पुलिस के साथ मुठभेड़ में मार दिए गए हैं। कानपुर में हुई 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद जब इस किस्से का उदय हुआ ही था, तब पुलिस ने घटना के करीब सात घंटे बाद हुई मुठभेड़ में विकास दुबे के चचेरे भाई और मामा को मार गिराया था।

इसके बाद विकास दुबे कि गिरफ्तारी से कुछ ही घंटों पहले पुलिस ने उसका साथ देने वाले उसके अन्य 2 साथियों को भी मार गिराया है। मारे गए अपराधियों का नाम प्रभात और रणवीर शुक्ला (बऊआ) है। पुलिस ने बुधवार (8 जुलाई, 2020) को इनका एनकाउंटर किया है।

इससे पहले पुलिस ने विकास के सबसे बड़े सहयोगी अमर दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया। हमीरपुर में बुधवार (जुलाई 8, 2020) की सुबह यूपी एसटीएफ और हमीरपुस पुलिस को एक संयुक्त ऑपरेशन के दौरान ये सफलता मिली। अमर दुबे मध्य प्रदेश की सीमा में घुस कर फरार होने की कोशिश में लगा था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

8 दिन में तीसरी बार ‘CM की कुर्सी’ पर दिखीं सुनीता, किया ‘केजरीवाल को आशीर्वाद’ अभियान का ऐलान: मैसेज भेजने के लिए दिए नंबर,...

अरविंद केजरीवाल ने जो कुछ कोर्ट के सामने कहा उसके लिए बड़ी हिम्मत चाहिए, वो एक सच्चे राष्ट्रभक्त हैं, बिलकुल ऐसे ही हमारे स्वतंत्रता सेनानी अंग्रेजों की तानाशाही से लड़ते थे।

जो डर दूसरों में भरा, उसी डर से खुद मरा मुख्तार अंसारी: पूर्व DSP शैलेंद्र सिंह, माफिया पर POTA लगाने वाले पुलिस अधिकारी को...

पूर्व डीएसपी शैलेंद्र सिंह की मुख्तार की मौत पर प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कहा कि माफिया ने जो डर दूसरों में भरा था वही डर अंत में उस पर हावी हुआ।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe