असहमति = मॉब अटैक = भीड़ का हमला: Tanishq पर चलाई फर्जी ब्रेकिंग खबर के बचाव में NDTV ने बदल डाली डिक्शनरी मीनिंग

अपनी फेक न्यूज़ पर NDTV का बचकाना बचाव

Tanishq के विज्ञापन को लेकर जारी विवाद को फेक न्यूज़ फैलाने का एक और मौका समझते हुए हिन्दू घृणा से सने प्रोपेगेंडा समाचार चैनल NDTV ने दावा किया कि कुछ लोगों ने गुजरात गाँधीधाम में तनिष्क के एक शोरूम पर हमला किया है। अब फर्जीवाड़े के बचाव में NDTV के कर्मचारी वाहियात तर्क देकर इसे सही साबित करने का प्रयास करते हुए भी देखे जा रहे हैं।

NDTV के मुताबिक, हमलावरों की भीड़ ने कथित तौर पर स्टोर मैनेजर को माफी पत्र लिखने के लिए कहा था। लेकिन वास्तव में, यह पूरी तरह से एक फेक न्यूज़ थी और पुलिस ने ऐसी किसी भी घटना से साफ़ इंकार किया।

अब NDTV अपने द्वारा चलाई गई इस फेक न्यूज़ पर सफाई देता नजर आ रहा है और इसके लिए उसने ‘हमला’ और ‘मतभेद’ जैसे शब्दों की परिभाषा तक बदल डाली है। जैसे ही NDTV के झूठ से पर्दा उठा, NDTV ने अपनी वेबसाइट पर मौजूद अपनी रिपोर्ट बदल दी कि तनिष्क स्टोर को ‘निशाना बनाया गया’ था, लेकिन ‘हमला’ नहीं किया गया।

कहानी यहीं पर समाप्त नहीं होती। अपने इस फर्जीवाड़े के खंडन होने के बाद भी, एनडीटीवी और उसके पत्रकारों ने अपने दावे पर अपना बचाव जारी रखा है कि तनिष्क स्टोर पर ‘भीड़ द्वारा हमला’ किया गया था, भले ही इस दावे के बाद उन्होंने कई बार अपनी रिपोर्ट बदल दी है।

NDTV के एक एंकर, संकेत उपाध्याय ने NDTV की फेक रिपोर्ट्स का बचाव करते हुए कहा कि गुजरात पुलिस ने वास्तव में स्वीकार किया है कि तनिष्क स्टोर को ‘धमकी’ दी गई थी। उन्होंने कहा कि कथित धमकियों के परिणामस्वरूप, प्रबंधक को एक माफीनामा लिखना पड़ा।

फेक न्यूज़ फैलाने के अपने हुनर और इसके बचाव के कुत्सित प्रयास में इसे तनिष्क स्टोर पर ‘भीड़ द्वारा हमला’ साबित करने के लिए साकेत उपाध्याय ने ’हमला’ शब्द का अर्थ ही बदल दिया। NDTV के एंकर संकेत उपाध्याय ने एक ट्वीट के जरिए समझाने का प्रयास किया है कि ‘हमला’ करने का अर्थ ‘कटु आलोचना’ या ‘किसी से सहमत ना होना’ होता है।

संकेत उपाध्याय ने दावा किया कि NDTV ने ‘भीड़ द्वारा हमला’ शब्द का इस्तेमाल किया था, क्योंकि डिक्शनरी के अनुसार, शब्द ‘अटैक’ का अर्थ है- “दृढ़ता से यह कहना कि आप किसी के साथ सहमत नहीं हैं।”

वास्तव में NDTV कुछ और नहीं बल्कि ‘असहमति’ को ‘भीड़ द्वारा किया गया हमला’ साबित करना चाहता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी को NDTV द्वारा फर्जी समाचार दिलाया जाना नापसंद हो और वे NDTV से इसके लिए माफ़ी माँगने को कहे, तो NDTV के एंकर की समझ के अनुसार, NDTV चैनल इस बात को ‘भीड़ द्वारा किया गया हमला’ के रूप में पेश करने के लिए स्वतंत्र हैं।

NDTV ने तनिष्क स्टोर पर ‘मॉब अटैक’ की चलाई थी फेक न्यूज़

NDTV की रिपोर्ट में कहा गया था कि गुजरात के गाँधीधाम में तनिष्क स्टोर पर हमला हुआ है। हमला होने के बाद स्टोर मैनेजर के माफी पत्र में कथित तौर पर सेक्युलर विज्ञापन प्रसारित करके हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के लिए कच्छ जिले के लोगों से माफी माँगवाई गई।

गौरतलब है कि गुजरात के गृहमंत्री ने भी NDTV का खंडन करते हुए कहा, “NDTV द्वारा गाँधीधाम (गुजरात) के तनिष्क स्टोर पर हमले की फैलाई गई खबरें पूर्णतः झूठ और फ़र्ज़ी हैं। यह बिलकुल ही गलत मंशा से गुजरात में कानून-व्यवस्था बिगाड़ने और हिंसा भड़काने के उद्देश्य से किया गया कार्य है। मैंने इन लोगों पर मामला दर्ज करने को कहा है और फेक न्यूज चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।”

Tanishq का विवादित वीडियो

तनिष्क के विज्ञापन में एक हिंदू महिला की गोदभराई की रस्म को दिखाया गया था। इस लड़की की शादी मुस्लिम परिवार में हुई थी। इसमें हिंदू संस्कृति को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम परिवार सभी रस्मों रिवाजों को हिंदू धर्म के हिसाब से करता दिखाया गया था। 

विज्ञापन को लव जिहाद को बढ़ावा देने के आरोप लगने और सोशल मीडिया पर तनिष्क के बहिष्कार की अपीलों के बाद कंपनी ने विज्ञापन को वापस ले लिया। कुछ इसी तरह का विवाद होली के दौरान सर्फ एक्सेल के एक विज्ञापन को लेकर भी हुआ था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया