कुटाई की खबरों के बाद लौटा ‘आत्ममुग्ध बौना’, लोगों ने ‘जग्गा जासूस’ बनकर तलाशे घूँसों के निशान

कुछ दिन गायब रहने के बाद फिर नजर आए अरविन्द केजरीवाल

आम आदमी पार्टी अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल काफी दिनों से गायब चलने के बाद आज लोकसभा चुनाव 2019 के लिए आम आदमी पार्टी का घोषणापत्र रिलीज करते हुए नजर आए। अरविन्द केजरीवाल कुछ दिनों से गायब चल रहे थे, यहाँ तक कि वो अपने ही पार्टी के नेताओं के नामांकन के दौरान भी नदारद रहे।

2 दिन पहले ही सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी के बागी विधायक द्वारा यह खबर भी वायरल की गई थी कि आम आदमी पार्टी के विधायकों ने अपनी पार्टी अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल का लप्पड़ और घूँसों से मार-मारकर मोर बना डाला।

हालाँकि, इस दावे की वास्तविकता की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है, फिर भी ट्विटर यूज़र्स ने ये जिम्मेदारी अपने कन्धों पर लेते हुए खुद जानने की कोशिश की है कि अरविन्द केजरीवाल के चेहरे पर मार-पीट के निशान हैं या नहीं? सोशल मीडिया यूज़र्स ने लिखा है कि केजरीवाल की नाक पकौड़े जैसी फूली-फूली लग रही है और सूजी हुई नजर आ रही है, इसका मतलब है कि सच में उन्हें तबीयत से कूटा गया है।

https://twitter.com/MrSinha_/status/1121306104435068928?ref_src=twsrc%5Etfw

एक अन्य ट्विटर यूज़र ने केजरीवाल की ‘पहले और बाद’ (Before and After Images) की तस्वीरों के माध्यम से यह समझाने का प्रयास किया है कि जब अरविन्द केजरीवाल गायब हुए, उस दिन वो कैसे दिख रहे थे और वापस दोबारा नजर आने पर वो कैसे दिख रहे हैं।

https://twitter.com/RajBaghla4/status/1121321629391437825?ref_src=twsrc%5Etfw

ट्विटर यूज़र्स इतने पर ही नहीं रुके, एक कदम आगे जाते हुए उन्होंने आम आदमी पार्टी अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल के चश्मे तक की समीक्षा कर डाली और बताया कि उनके चश्मे का फ्रेम बदला-बदला नजर आ रहा है। इसके साथ उन्होंने आशंका जताई कि शायद चेहरे पर मुक्का पड़ने के कारण उनका चश्मा टूटा हो, जैसा कि AAP विधायक कपिल शर्मा ने दावा किया था।

https://twitter.com/RanjitThakur1/status/1121312330464108544?ref_src=twsrc%5Etfw

वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने अरविन्द केजरीवाल जी के वापस सकुशल नजर आने पर ख़ुशी प्रकट की है। अभी तक भी अरविन्द केजरीवाल के साथ हुई इस कथित मार-कुटाई की घोषणा नहीं हुई है लेकिन, मीडिया और चर्चा से अचानक से उनके गायब हो जाने की वजह से उनके समर्थकों को उनकी चिंता जरूर थी।

https://twitter.com/Dayweekaa/status/1121303981244833792?ref_src=twsrc%5Etfw

स्पष्टीकरण होना अभी बाकी है लेकिन, इस प्रकार की मारपीट की घटनाओं को मजाक के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए। भले ही सच्चाई यह है कि सोशल मीडिया पर हर दूसरी खबर लोगों के बीच Fun और मनोरंजन का जरिया बन जाती है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया