राहुल गाँधी लगातार अपनी रैलियों में OBC-OBC का रट्टा लगाते रहते हैं। कभी वो कहते हैं कि देश चलाने वाले अधिकारियों में कोई पिछड़ा नहीं है तो कभी वो पूछते हैं कि मीडिया में कितने पत्रकार OBC हैं? अब ‘Zee News’ में कार्यरत रहे दीपक चौरसिया ने खुलासा किया है कि UPA काल में उनके साथ कैसा व्यवहार हुआ था। ‘इंडिया टीवी’ पर एक चर्चा के दौरान उन्होंने पिछली बातों को याद किया। असल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक वीडियो को लेकर चर्चा चल रही थी।
अमित शाह ने एक रैली के दौरान कहा था कि कॉन्ग्रेस पार्टी अगर सत्ता में आ गई तो वो पिछड़ों, दलितों और जनजातीय समाज का आरक्षण छीन कर मुस्लिमों को दे देगी। कॉन्ग्रेस की तेलंगाना यूनिट ने इस वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर अमित शाह को ये कहते हुए दिखा दिया कि भाजपा SC, ST और OBC का आरक्षण हटा देगी। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार कह चुके हैं कि आरक्षण को कोई छू भी नहीं सकता। इस मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर FIR हुई है, असम से कॉन्ग्रेस नेता रीतम सिंह गिरफ्तार हुआ है।
दीपक चौरसिया ने इस पर चर्चा के दौरान बताया, “मैं बड़े दिल से एक बात कहना चाहता हूँ। आरक्षण पर कॉन्ग्रेस पार्टी ने जितना फेक नैरेटिव फैलाया है, ऐसा कभी नहीं हुआ। मैं सच बोलूँ तो आधे लोगों को पता नहीं होगा। मैंने राहुल गाँधी का एक वीडियो देखा, जिसमें वो OBC पत्रकार ढूँढ रहे हैं। मैं हूँ न, मैं सामने बैठा हूँ। 2004 में राहुल गाँधी और उनकी पार्टी ने मुझे दूरदर्शन से निकाल कर बाहर कर दिया था। मैं DD का हेड था। मैं ओबीसी पत्रकार था, तब उनको नहीं दिखाई दिया।”
उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी और उनके आसपास के लोगों को ये तक नहीं पता होगा कि उत्तर प्रदेश में OBC की कौन सी बड़ी जातियाँ हैं। उन्होंने बताया कि राहुल गाँधी की तरफ से आज पूरी कॉन्ग्रेस को चला रहे KC वेणुगोपाल को उत्तर भारत की 5 ओबीसी जातियों के नाम नहीं पता होंगे। राहुल गाँधी के मौजूदा सलाहकार जयराम रमेश को लेकर भी उन्होंने यही दावा किया। दीपक चौरसिया ने बताया कि इस घटना का जिक्र उन्होंने 20 साल बाद किया है, वो इस पर ज़्यादा बोलना नहीं चाहते।
DD न्यूज़ में कार्यकर्त पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने उनके इस दावे की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि आज दीपक चौरसिया ने यह सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि 2004 में कॉन्ग्रेस की, सोनिया गाँधी- राहुल गाँधी की सरकार आते ही उन्हें डीडी से निकाल दिया गया था जबकि वो ओबीसी पत्रकार हैं। बकौल अशोक श्रीवास्तव, इसका खुलासा उन्होंने अपनी पहली पुस्तक ‘Narendra Modi Censored’ में किया था। उन्होंने बड़ी जानकारी दी कि अकेले दीपक चौरसिया ही नहीं, करीब 100 पत्रकारों को रातोंरात दूरदर्शन ने टारगेट करके निकाल दिया गया था।
अशोक श्रीवास्तव ने तंज कसा कि आज यही कॉन्ग्रेस अपने घोषणा-पत्र में मीडिया को ‘आज़ादी’ का देने ढिंढोरा पीट रही है। OBC समाज से आने वाले राजस्थान के एक अन्य सक्रिय पत्रकार जीतेश जेठानंदानी ने भी इस दौरान अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने बताया कि जब वो ‘TV9 भारतवर्ष’ में राजस्थान ब्योरो देख रहे थे, तब उन्हें एक ट्वीट के कारण नौकरी से निकाल दिया गया था। उस ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि भारत हिन्दू राष्ट्र था, हिन्दू राष्ट्र है और हिन्दू राष्ट्र रहेगा।
सर मैं भी oBC का पत्रकार हूं….TV 9 भारतवर्ष राष्ट्रीय चैनल में राजस्थान ब्यूरो देख रहा था……मुझे चैनल प्रबंधन की ओर से भारत हिंदू राष्ट्र था …भारत हिंदू राष्ट्र है …और भारत हिंदू राष्ट्र रहेगा के ट्वीट पर बीजेपी सरकार में ही…. कुछ कांग्रेस नेता और कवि कुमार विश्वास…
— Jitesh Jethanandani (@jethanandani14) April 30, 2024
जीतेश जेठानंदानी ने बताया कि उस दौरान भाजपा की ही सरकार थी, लेकिन कॉन्ग्रेस नेताओं, कवि कुमार विश्वास और कुछ वामपंथी नेताओं के दबाव के कारण उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ा। उन्होंने कहा कि वो इसका सबूत भी दे सकते हैं। उन्होंने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए बताया कि आज भी उन्हें अपने बच्चों की स्कूल फीस भरने में परेशानी हो रही है। हालाँकि, उन्होंने बताया कि ‘राष्ट्र प्रथम’ का उद्देश्य रखने वाले कुछ संगठनों ने उनकी मदद ज़रूर की, लेकिन भाजपा राज में भी मीडिया की स्थिति वही है।