अर्नब गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी और मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के नेतृत्व में मुंबई पुलिस के बीच खींचतान कम होने का नाम नहीं ले रही है। टीआरपी स्कैम में फर्जी तरह से Republic TV का नाम लेने के बाद मुंबई पुलिस ने अब सभी सीमाओं को पार कर दिया है। हाल ही में, मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की ओर से Republic TV को जारी हुए नोटिस में उनसे पेन, कॉपी से लेकर टॉयलेट पेपर तक का हिसाब माँगा है। यह जानकारी रिपब्लिक टीवी ने एक बयान जारी करके दी है।
रिपब्लिक टीवी ने बताया कि परमबीर सिंह ने उनसे टॉयलेट पेपर, टिश्यू पेपर, कार्पेट, कुर्सी, चाय-कॉफी वेंडिंग मशीन के खर्चे से लेकर हाउस कीपिंग स्टाफ तक की सैलरी की जानकारी माँगी है।
#RepublicWitchhunt | परमबीर ने टॉयलेट पेपर, टिश्यू पेपर, कार्पेट, कुर्सी, चाय-कॉफी वेंडिंग मशीन का खर्चा से लेकर हाउस कीपिंग स्टाफ तक की सैलरी की मांगी जानकारी
— रिपब्लिक.भारत (@Republic_Bharat) October 23, 2020
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मीडिया संस्थान के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर सुंदरम एस से पुलिस थाने में पिछले 4 साल में हुई सारी ट्रांजेक्शन डिटेल्स जमा करने को कहा गया है। सबसे हैरान करने वाली बात यह कि ये बात जानते हुए कि ऐसी जानकारी जुटाने में महीने भर का समय लग सकता है, मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी को मात्र 12 घंटे का समय दिया है।
रिपब्लिक टीवी के अनुसार, वित्तीय लेन-देन से संबंधित जानकारी की माँग करना, मुंबई पुलिस की संस्थान के ख़िलाफ़ एक साजिश है जिसे वह महाराष्ट्र सरकार के इशारों पर रच रहे हैं। चैनल ने दावा किया है कि पुलिस ने टॉयलेट पेपर, कॉफ़ी वेंडिंग मशीन, मेकअप किट, स्टेशनरी, फ़र्नीचर इत्यादि की लागत सहित छोटे और मामूली लेनदेन से संबंधित जानकारी भी उनसे माँगी है।
रिपब्लिक टीवी द्वारा जारी किए गए बयान में मुंबई पुलिस के नोटिस को स्पष्ट रूप से मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला कहा गया है। साथ ही बताया गया है कि रिपब्लिक टीवी को मुंबई पुलिस ने धारा 91 के तहत नोटिस जारी करके पिछले 4 सालों की हर छोटी-मोटी ट्रांजेक्शन का विवरण प्रस्तुत करने के लिए बोला है।
#RepublicWitchhunt | 4 years of transactions sought in 12 hours as witch-hunt crosses all limits; stand in opposition to this; Fire in your views and watch #LIVE here – https://t.co/rGQJsiKgt2 pic.twitter.com/1yGzCeVGIC
— Republic (@republic) October 23, 2020
इस बयान में रिपब्लिक टीवी और मुंबई पुलिस के बीच चल रही खींचतान में संस्थान ने इसे अपने विरुद्ध अभियान बताते हुए कहा कि उनसे वित्तीय, संविदात्मक और लेने देन के विवरण की लिखित में जानकारी माँगी गई है।
चैनल ने आगे लिखा, रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीएफओ को 22 अक्टूबर 2020 को सीआरपीसी की धारा 91 में तहत नोटिस जारी हुआ। इसमें मूल्यांकन रिपोर्ट, कर्मचारी लाभ खर्च, प्रमोशन खर्च, प्रसारण खर्च से जुड़ी जानकारी माँगी गई है। इसके अलावा संस्थान में काम कर रहे कर्मचारियों की जानकारी भी माँगी गई है।
#RepublicWitchhunt In a brazen, blatant & shocking attack on press freedom by Mumbai Police, Republic Media Network has been issued notice to submit details of every transaction since inception & list every single journalist & employee. We will fight each & every strongarm tactic pic.twitter.com/qvG8ZlqWt6
— Republic (@republic) October 23, 2020
चैनल का इस पर कहना है कि यह समाचार संगठन को प्रताड़ित करने, संचालन पर अवरोध उत्पत्न करने और कामकाज को दोबारा से आपात काल के दौर में लाने का प्रयास है। ये स्प्ष्ट रूप से रिपब्लिक टीवी को निशाना बनाने के लिए मुंबई पुलिस की कोशिश है।
अपने बयान में रिपब्लिक टीवी ने कहा है कि वह दबाव की रणनीति के बीच डटकर खड़े होंगे। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क खबर को पहले, सच्चाई को पहले और राष्ट्र को पहले रखने का काम जारी रखेगा। उनका कहना है कि हम जनता की राय और कानूनी अदालतों में हर मजबूत पक्ष के साथ लड़ने की कोशिश करेंगे।
मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के कार्यकारी संपादक को दी जेल की धमकी
गौरतलब है कि इससे पहले रिपब्लिक टीवी के एग्जिक्यूटिव एडिटर निरंजन नारायणस्वामी से मुंबई पुलिस ने 21 अक्टूबर को 9 घंटे पूछताछ की थी। संस्थान का कहना था कि हंसा रिपोर्ट के स्रोत का खुलासा नहीं करने के उनके फैसले के लिए उन्हें बार-बार कारावास की धमकी दी गई थी।
निरंजन ने खुलासा किया था कि उन्हें पूछताछ के दौरान चेतावनी दी गई थी कि अगर वह हंसा रिसर्च द्वारा रिपोर्ट के स्रोत का खुलासा नहीं करते, तो उनके ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 174 और 179 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। हालाँकि, इन धमकियों के बावजूद. निरंजन ने स्रोत का खुलासा करने से इनकार कर दिया।