ABP न्यूज़ की एंकर शोभना यादव ने शनिवार (14 जनवरी 2023) को अपने ट्विटर हैंडल से गुरुकुल पद्धति और वैदिक मंत्रों पर नकारात्मक टिप्पणी की। उन्होंने लिखा कि वैदिक मंत्रों को पढ़ कर नौकरी नहीं मिलती। शोभना ने हिन्दू होने पर गर्व होने से पेट नहीं पलने जैसी भी बात कही। इस ट्वीट पर शोभना यादव को काफी फजीहत झेलनी पड़ रही है। गिने-चुने समर्थकों के बीच कई यूजर्स ने उन्हें संस्कृत, गुरुकुल और वेदमंत्रों के फायदे बताए हैं और कईयों ने उनकी मंशा पर भी सवाल खड़े किए हैं।
क्या है मामला
दरअसल 12 जनवरी 2023 को नॉन वेरिफाइड ट्विटर हैंडल @Abhilipsaapanda (अभिलिप्सा पांडा) से गुरुकुल का एक वीडियो शेयर किया गया। इस वीडियो में कुछ बच्चे वेदमंत्रों का पाठ कर रहे हैं। वीडियो के बीच में उनके गुरु भी दिखाई दे रहे हैं। यूजर द्वारा इस वीडियो में कैप्शन दिया गया, “यह दृश्य है हमारे गुरुकुल का जहाँ आप देख रहे हैं वैदिक मंत्रों का सस्वर वाचन, गर्व से कहो हम हिंदू हैं। जय श्री राम। जय गोविंदा।” इस ट्वीट पर कई लोगों ने गुरुकुल और वैदिक मंत्रों की तारीफ में अपने-अपने विचार रखे।
बहुत अच्छा है पर सच ये भी है कि इन वैदिक मंत्रों को पढ़कर कहीं नौकरी नहीं मिलेगी ..परिवार पालने के लिए या तो पंडित बनना पड़ेगा या संत बन किसी आश्रम में शरण लेनी पड़ेगी ..काश सिर्फ़ हिंदू होकर गर्व करने से नौकरी मिल जाती और पेट पल जाता https://t.co/Woe5N29vGQ
— Shobhna Yadav (@ShobhnaYadava) January 14, 2023
14 जनवरी, 2022 को ‘ABP न्यूज़’ की एंकर शोभना यादव ने इस वीडियो पर नकारात्मक जवाब लिखा। शोभना ने लिखा, “बहुत अच्छा है। पर सच ये भी है कि इन वैदिक मंत्रों को पढ़कर कहीं नौकरी नहीं मिलेगी। परिवार पालने के लिए या तो पंडित बनना पड़ेगा या संत बन किसी आश्रम में शरण लेनी पड़ेगी। काश सिर्फ़ हिंदू होकर गर्व करने से नौकरी मिल जाती और पेट पल जाता।”
नेटीजेंस ने दिखाया आईना
शोभना यादव के इस ट्वीट पर भले ही उनके कुछ गिने-चुने समर्थक आए हों ,पर अधिकतर लोगों ने उनका विरोध ही किया। वेरिफाइड हैंडल ‘ट्रोल इंडियन पॉलिटिक्स (@ipradhanjiii)’ ने समाज में पत्रकार और पंडित का बराबर रोल बताया। यूजर ने खुद को गुरुकुल का छात्र बताते हुए एक अच्छा बिजनेसमैन भी बताया। वहीं पत्रकार शुभम शुक्ला ने पंडित बनना कोई बुरी बात न कहते हुए वैदिक मंत्रों से किसी के आर्मी में जाने और प्रोफेसर बनने के भी रास्ते खुले बताया। वैदिक मंत्रों को पढ़ना आत्मसंतुष्टि का भी कारण बताते हुए शुभम ने शोभना को किन्तु-परन्तु से बचने की सलाह दी।
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आकाश मिश्रा ने शोभना को असहिष्णु बताते हुए वैदिक मंत्रों से उनकी दिक्कत पूछी। एक अन्य यूजर सुधीर विश्नोई ने कहा है कि गुरुकुल में पढ़े लड़के जब किसी बड़े पद पर जाते हैं तो उनके पास हिंदुत्व के ज्ञान का भंडार होता है। वहीं राजेंद्र सिंह ने शोभना को संकीर्ण मानसिकता वाली बताते हुए लिखा कि क्या मदरसे बंद कर देने चाहिए ? समाजवादी पार्टी के नेता अमीक जामेई ने सवाल किया कि अगर पंडित नहीं होंगे तो शादी-ब्याह और मरने-जीने के कार्यक्रम कौन करवाएगा ?
इसके अलावा शोभना के हैंडल पर संजीव झा, मयंक और शुभम आदि ने भी उनके ट्वीट का विरोध किया है।
संस्कृत छात्र बने हैं IAS तक
भले ही शोभना यादव संस्कृत और वेदमंत्रों को पढ़ना बेरोजगारी से जोड़ रहीं हों, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयाँ कर रही है। साल 2014 में फरीदाबाद की राव कॉलोनी में रह कर संस्कृत विद्यालय गुरुकुल में पढ़ीं वंदना UPSC क्लियर कर के IAS बनी थीं। महर्षि दयानंद को अपना पथ प्रदर्शक बताते हुए वंदना चौहान ने श्रीमद्भगवत गीता को अपना प्रेरणा स्रोत बताया था। ‘फॉलो अप’ नाम के एक पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड के लातेहार जिले में स्थित गुरुकुल की तर्ज पर चलने वाले नेतरहाट आवासीय विद्यालय में पढ़ कर अब तक 3 हजार से अधिक छात्र IAS और IPS बन चुके हैं।
अमरोहा के चोटीपुरा गाँव में गुरुकुल चला रहीं डॉ सुमेधा के मुताबिक वहाँ पढ़ी कई लड़कियाँ IIT मुंबई जैसी बड़ी जगहों पर हैं। डॉ सुमेधा ने आजीवन विवाह नहीं किया और अपना जीवन महिला सशक्तिकरण में लगा दिया।
गुरुकुल में दूर की जाती है शोभना जैसों की विकृति
ऑपइंडिया ने वैदिक धर्म का प्रचार-प्रसार कर रही ‘कर्मयोगी परिषद’ के एक सदस्य से बात ही। सदस्य ने खुद को दिल्ली पुलिस का पूर्व स्टाफ बताते हुए कहा कि धर्म की हालात को देख कर उन्होंने आजीवन धर्म रक्षा का संकल्प लिया और नौकरी छोड़ दी। सदस्य का कहना था कि वो अपने बच्चे को गुरुकुल में पढ़ाएँगे। शोभना यादव के बयान पर ‘कर्मयोगी परिषद’ के उस सदस्य ने कहा कि जिस मानसिकता की शोभना यादव हैं, उसे भारत में विकृति कहा जाता है।
उन्होंने कहा, “गुरुकुलों में इसी विकृति से लोगों को दूर रखने का काम होता है। शोभना को शायद पता नहीं की गुरुकुल में पढ़ कर बाबा रामदेव हजारों लोगों को नौकरी दे रहे हैं। गुरुकुल में पढ़ कर आचार्य देवव्रत गुजरात के राज्यपाल हैं।” पूर्व पुलिसकर्मी ने शोभना को चुनौती देते हुए कहा कि अगर गुरुकुल खाने को नहीं देता तो वो देश में गुरुकुल का पढ़ा एक सदस्य बताएँ जो भूख से मर रहा हो।
आत्मनिर्भर बनाता है गुरुकुल
हरियाणा के सोनीपत में आर्योदय नाम से गुरुकुल चलाने वाले पूर्व लॉ छात्र आचार्य संदीप ने कहा कि शायद शोभना जी को नहीं पता कि कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ा व्यक्ति बेरोजगार हो सकता है लेकिन गुरुकुल में पढ़ा नहीं। आचार्य संदीप के मुताबिक, गुरुकुल में पढ़े कई लोग विभिन्न विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। उन्होंने कहा कि गुरुकुल लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करता है और वहाँ के छात्र कहीं योग टीचर हैं तो कहीं आयुर्वेद के कार्यों से अच्छी कमाई कर रहे हैं।
गौसेवा को भी गुरुकुल शिक्षा का हिस्सा बताने वाले आचार्य संदीप के मुताबिक, वहाँ से दूध, दही और घी के कारोबार में लोगों की अच्छी कमाई होती है।