जब बुधवार (जुलाई 22, 2020) को पीएम मोदी ने यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल द्वारा आयोजित इंडिया आइडियाज समिट के लिए भाषण दिया, तो तथाकथित पत्रकार राजदीप सरदेसाई अपनी अभिजात्य वर्ग की कुंठा को छुपाने में एक बार फिर नाकामयाब रहे। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि प्रधानमंत्री बहुत पहले किए गए वादे पर खरे उतरे हैं।
राजदीप सरदेसाई ने एक ट्वीट में लिखा –
“इंडो यूएस समिट में पीएम मोदी अंग्रेजी में बात कर रहे हैं। यह इस बात का सबूत है कि वह कई सालों पहले मुझसे किए गए एक वादे पर खरे उतरे हैं! मैंने एक बार प्रोग्राम में आखिरी समय में उनकी जगह प्रमोद महाजन को लिया था क्योंकि महाजन बेहतर अंग्रेजी बोलते थे। फिर मोदी जी ने मुझसे कहा – “एक दिन मैं अंग्रेजी में भाषण दूँगा।”
https://twitter.com/sardesairajdeep/status/1285961919493402625?ref_src=twsrc%5Etfwदरअसल, राजदीप सरदेसाई का मकसद यहाँ पर किसी घटना या अतीत का कोई प्रसंग उजागर करना नहीं, बल्कि भाषाई आधार पर किसी व्यक्ति को कमतर बताना था। सरदेसाई के इस ट्वीट को लेकर काफी लोग सोशल मीडिया पर उनकी निंदा कर रहे हैं, जबकि दुर्भाग्यवश एक वर्ग राजदीप की इस कुंठा में उनका समर्थन करता नजर आ रहा है और इस बात पर बहस करता देखा जा सकता है कि क्या पीएम मोदी अंग्रेजी बोल सकते हैं या फिर नहीं?
मिहिर झा ने राजदीप सरदेसाई को उनकी इस करतूत पर लिखा है – “राजदीप सरदेसाई ने कितनी बेशर्मी से अपने सामाजिक क्लास वर्गीकरण के पूर्वग्रह को सामने रखकर स्वीकार किया है। यह बताता है कि वह वास्तविकता से कितना दूर है। कोई आश्चर्य नहीं है कि पीएम मोदी ने इस आदमी को समय-समय पर उसकी औकात बताई है।”
https://twitter.com/MihirkJha/status/1285989941416058880?ref_src=twsrc%5Etfwराजदीप के इस ट्वीट में उन पर कटाक्ष करते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा है – “मतलब, मोदी जी समिट में अंग्रेजी में बोल रहे हैं क्योंकि राजदीप ने एक बार उनका कार्यक्रम रद्द कर दिया था? इसे सभी रिवेंज (बदला) की माँ कहा जा सकता है।”
https://twitter.com/liberal_slayerr/status/1285966303778365441?ref_src=twsrc%5Etfw