असम सरकार ने बांग्लादेश के अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले और बस जाने वाले 20 बांग्लादेशी नागरिकों को देश से निकाल दिया है। उन्हें भारत-बांग्लादेश सीमा पर बांग्लादेश के हवाले कर दिया गया है। निर्वासित होने वालों में एक महिला भी शामिल है।
सुतरकाण्डी-शेओला सीमा पर आदान-प्रदान
बॉर्डर विंग के पुलिस इन्स्पेक्टर उत्पल शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सुतरकाण्डी, करीमगंज (भारत)-शेओला (बांग्लादेश) की चेक पोस्ट पर इन बीस लोगों को बांग्लादेश के हवाले कर दिया गया। इन सभी पर पासपोर्ट एक्ट या फॉरेनर्स एक्ट या फिर इन दोनों के उल्लंघन का आरोप साबित हुआ था। आरोपी सिलचर जेल में बंदी था। एनडीटीवी से हुई शर्मा की बातचीत के अनुसार इनमें से अधिकाँश लोग अपने रिश्तेदारों से भेंट करने या नौकरी ढूँढ़ने आए थे।
बांग्लादेश के सिलहट और नोआखली जिलों से ताल्लुक रखने वाले इन अवैध प्रवासियों ने निर्वासन प्रक्रिया का कोई विरोध नहीं किया है। करीमगंज के एसपी मानबेन्द्र देव रॉय ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस से फोन पर बात करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि जहाँ कुछ 2014 से ही भारत में हैं, वहीं अधिकाँश लोग 2015-18 के बीच आए हैं।