Tuesday, November 19, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षादेशभर में 40 जगहों पर CBI की रेड, जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल के पूर्व सलाहकार...

देशभर में 40 जगहों पर CBI की रेड, जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल के पूर्व सलाहकार बसीर खान के घर पर भी दबिश

सीबीआई को जानकारी मिली थी कि फर्जी लाइसेंस बाँटने के रैकेट में बसीर खान बंदूक की भी संलिप्तता है। इसके बाद एजेंसी ने मामले की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी। इस सूचना के बाद मंत्रालय ने पिछले सप्ताह उन्हें सलाहकार के पद से हटा दिया था।

जम्मू-कश्मीर से एक बड़ी खबर आ रही है। केंद्र शासित प्रदेश के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के सलाहकार रहे बसीर अहमद खान के ठिकानों पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को छापेमारी की। पूर्व सलाहकार बसीर खान पर बंदूक का फर्जी लाइसेंस देने के रैकेट में शामिल रहने का आरोप है। इस सिलसिले में एजेंसी ने 40 ठिकानों पर रेड डाली है। इन ठिकानों में बाग बागत स्थित बसीर का घर भी शामिल है। छापेमारी में सीबीआई के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस भी शामिल थी।

सीबीआई को जानकारी मिली थी कि फर्जी लाइसेंस बाँटने के रैकेट में बसीर खान बंदूक की भी संलिप्तता है। इसके बाद एजेंसी ने मामले की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी। इस सूचना के बाद मंत्रालय ने पिछले सप्ताह उन्हें सलाहकार के पद से हटा दिया था। इसके बाद पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल के सलाहकार बनने की खबरें सामने आई थीं। हालाँकि, बाद में ऑपइंडिया से बात करते हुए एक सरकारी सूत्र ने इस खबर का खंडन किया था। 

बता दें कि बसीर खान जम्मू-कश्मीर के वर्तमान उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के सलाहकार रहने के साथ ही वे प्रदेश के पूर्व उप-राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू के भी थे। वहीं, गृह मंत्रालय से हरी झंडी मिलते ही सीबीआई ने पदोन्नत आईएएस अधिकारी खान के ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी। एजेंसी ने घाटी स्थित उनके अलावा के नई दिल्ली और मध्य प्रदेश समेत देश के अन्य हिस्सों में 40 जगहों पर छापेमारी की।

इसी मामले में पिछले साल आईएएस अधिकारी राजीव रंजन और जम्मू-कश्मीर कैडर के एक वरिष्ठ अधिकारी इतरत हुसैन रफीक को सीबीआई ने घाटी के कुपवाड़ा जिले में डिप्टी कमिश्नर के रूप में अपने आधिकारिक पद के दुरुपयोग के लिए गिरफ्तार किया था।

भारत के सबसे बड़े फर्जी बंदूक लाइसेंस रैकेट माने जा रहे इस मामले में जम्मू-कश्मीर के बाहर रहने वाले लोगों को भी बंदूक के लाइसेंस जारी किए गए थे। इसके लिए तत्कालीन लोक सेवकों ने रिश्वत ली थी। माना जा रहा है कि बंदूकों के कुल ढाई लाख से अधिक फर्जी लाइसेंस जारी किए गए।

इस घोटाले का राजस्थान आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने 2017 में इस घोटाले का खुलासा किया था और अवैध रूप से शस्त्र लाइसेंस जारी करने में संलिप्तता के आरोप में 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। एटीएस के अनुसार, कथित रूप से सेना के जवानों के नाम पर 3,000 से अधिक परमिट दिए गए थे। एटीएस के निष्कर्षों के आधार पर जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल एन एन वोहरा ने मामले की जाँच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मणिपुर में बिहार के लोगों से हफ्ता वसूली, हिंसा के लिए महिला ब्रिगेड: रिपोर्ट से कुकी संगठनों की साजिश उजागर, दंगाइयों को छुड़ाकर भी...

मणिपुर में हिंसा फैलाने के लम्बी चौड़ी साजिश रची गई थी। इसके लिए कुकी आतंकी संगठनों ने महिला ब्रिगेड तैयार की।

404 एकड़ जमीन, बसे हैं 600 हिंदू-ईसाई परिवार: उजाड़ना चाहता है वक्फ बोर्ड, जानिए क्या है केरल का मुनम्बम भूमि विवाद जिसे केंद्रीय मंत्री...

एर्नाकुलम जिले के मुनम्बम के तटीय क्षेत्र में वक्फ भूमि विवाद करीब 404 एकड़ जमीन का है। इस जमीन पर मुख्य रूप से लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू परिवार बसे हुए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -