हरियाणा पुलिस ने हाल ही में करनाल से दो हथियारबंद खालिस्तानी आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था जो ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) के लिए काम कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि वह अमेरिकी मूल के गुरमीत सिंह के संपर्क में थे। खालिस्तानी गुरमीत सिंह ने इनके खाते में मनीग्राम (MoneyGram) के ज़रिए लाखों रुपए भेजे थे।
पूछताछ में दोनों आरोपितों ने यह भी बताया कि गुरमीत सिंह ने उन्हें हथियार खरीदने और दो ऐसे लोगों की हत्या करने का आदेश दिया था जिन्होंने कथित तौर पर सिख धर्म के विरुद्ध बोला था। दैनिक जागरण में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़ गिरफ्तार किए गए खालिस्तानियों का नाम तेजप्रकाश (काका) और आकाशदीप सिंह (सोनू) है। दोनों लुधियाना के रहने वाले हैं। हरियाणा की स्पेशल टास्क फ़ोर्स ने इनके पास से कई हथियार और ज़िंदा कारतूस बरामद किए हैं।
During questioning, the accused revealed that Gurmeet told them to purchase arms and murder two persons who allegedly spoke against Sikhism. They were arrested when they were returning after purchasing the arms: Haryana Police (2/2) https://t.co/e8QtqJcJ4m
— ANI (@ANI) December 30, 2020
हरियाणा पुलिस ने इन खालिस्तानी आतंकियों को उस वक्त गिरफ्तार किया जब वे हथियार खरीदकर वापस लौट रहे थे। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे दो शिवसेना नेताओं (सुधीर सूरी और गुरशरणमंद) पर हमले की योजना बना रहे थे। वह फेसबुक के ज़रिए SFJ के गुरमीत सिंह से लगातार संपर्क में थे। गुरमीत सिंह ने इन दोनों को उनके कट्टरपंथी विचारों की वजह से योजना में शामिल किया था। गुरमीत सिंह ने दोनों को हथियार खरीदने के लिए MoneyGram से पैसे भेजे थे। दोनों खालिस्तानी आतंकियों को यूएपीए की धारा 10 और 13, आर्म्स एक्ट की धारा 25, 54, 59 और आईपीसी की धारा 120बी के तहत गिरफ्तार किया गया है।
SFJ के इन दो आतंकियों की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब किसान आंदोलन में इस प्रतिबंधित संगठन की घुसपैठ को लेकर लगातार आशंकाएँ जताई जा रही है।
किसान आंदोलन पर खालिस्तानी तत्वों और सिख फॉर जस्टिस का कब्ज़ा
पिछले कुछ समय में ऐसे कई मामले सामने आए थे जिससे यह स्पष्ट था कि किसान आंदोलन पर खालिस्तानी तत्वों का कब्ज़ा हो चुका है और इससे देश की आंतरिक सुरक्षा प्रभावित हो सकती है।
कई खालिस्तानी आतंकी किसानों के भेस में प्रदर्शन स्थल पर पहुँचे और इंदिरा गाँधी की हत्या के मुद्दे पर अपनी पीठ थपथपाते हुए नज़र आए। इसके अलावा वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी धमकी देते हुए नज़र आए और कहा कि किसानों की माँग पूरी नहीं हुई तो उनका भी वही हाल होगा। किसान आंदोलन के बीच तमाम अराजक तत्वों ने खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए और कट्टरपंथियों को रिहा करने की माँग उठाई थी।
इसके बाद पंजाब के किसानों को भड़काने के आरोप में SFJ की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े हुए थे। फ़िलहाल सुरक्षा एजेंसियाँ SFJ की संदिग्ध भूमिका को लेकर जाँच कर रही हैं। इसी बीच ऐसी बातें भी सामने आ रही हैं कि खालिस्तान समर्थक तत्वों ने किसान आंदोलन को हाइजैक कर लिया है। पाकिस्तान प्रायोजित खालिस्तानी संगठन SFJ ने कुछ समय पहले ऐलान किया था कि पंजाब और हरियाणा के जो किसान खालिस्तान का समर्थन करेंगे उन्हें 1 मिलियन डॉलर तक का इनाम दिया जाएगा।