बालाकोट एयर स्ट्राइक में निशाने पर लगे 80% बम, IAF ने मोदी सरकार को सौंपे सबूत

एयर स्ट्राइक में शामिल मिराज-2000 (फाइल फोटो)

पुलवामा आत्मघाती हमले का बदला लेने के लिए, 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के ठिकानों पर हवाई हमले किए। तभी से कॉन्ग्रेस पार्टी और कुछ अन्य तथाकथित लिबरल पत्रकारों ने हवाई हमलों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे।

अब एयर स्ट्राइक पर एक बड़ा अपडेट सामने आया है कि बुधवार (मार्च 6, 2019) को वायु सेना ने केंद्र सरकार को एयर स्ट्राइक से जुड़े सभी दस्तावेज सौंप दिए हैं। इन सबूतों में एयर स्ट्राइक की तस्वीरें भी शामिल हैं। साथ ही इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि किस तरह उनके अधिकतर निशाने अचूक रहे हैं।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट है कि भारतीय वायु सेना ने मोदी सरकार को, भारतीय वायु क्षेत्र में उड़ान भरने वाले एक खुफिया विमान प्लेटफ़ॉर्म से एकत्र किए गए ‘हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरों’ और ‘सिंथेटिक एपर्चर रडार’ इमेजरी के 12 पृष्ठ की रिपोर्ट IAF द्वारा किए गए हवाई हमले के प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किए गए हैं।

इंडिया टुडे के शिव अरूर ने बताया कि इंडियन एयर फोर्स के मिराज-2000 फाइटर जेट्स, जिसने बालाकोट में आतंकी अड्डों को उड़ाया था, भारतीय वायुसेना ने इस एयरस्ट्राइक के दौरान ‘Israeli Spice 2000 precision bombs’ का प्रयोग किया। यह बम “penetration warheads” से सुसज्जित था, अर्थात हर बाधा को पार करते हुए सीधा, अचूक निशाना।

https://twitter.com/ShivAroor/status/1103247748093149185?ref_src=twsrc%5Etfw

वायु सेना की रिपोर्ट के अनुसार बालाकोट में उनके 80% निशाने सही लगे हैं। जिन बमों को दागा गया वह वहाँ मौजूद बिल्डिंगों के सीधे अंदर गए हैं। यही कारण है कि जो भी तबाही हुई है वह अंदर ही हुई है।

रिपोर्ट की मानें तो जिन मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ है, उन्होंने सीधे छत को भेदा और अपने टारगेट पर वार किया। एयर फोर्स की इस रिपोर्ट के अनुसार बालाकोट में मौजूद सभी टारगेट को तबाह कर दिया गया है।

बता दें कि 26 फरवरी को की गई एयर स्ट्राइक के बाद से ही इसके सबूत सामने रखने की बात शुरू हो गई थी। पाकिस्तान लगातार यह दावा कर रहा था कि उनका कोई नुकसान नहीं हुआ है, सिर्फ कुछ पेड़ ही गिरे हैं। हालाँकि, जब पेड़ ही गिरे हैं तो पाकिस्तान में  भारतीय सेना को लेकर इतनी दहशत क्यों है, इसका जवाब पाकिस्तान ने नहीं दिया।

जबकि, वायु सेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि उनका मिशन पूरी तरह से सफल रहा है, ऐसे में सबूतों को सामने रखने का फैसला सरकार को ही करना है। वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा था कि अगर पाकिस्तान का कुछ नुकसान नहीं हुआ है तो उनकी वायु सेना हमारे इलाके में क्यों आई और वहाँ इस तरह की हलचल क्यों है?

ज्ञात हो कि यह पहली बार नहीं है, इससे पहले 2016 में जब सर्जिकल स्ट्राइक हुआ था तब भी विपक्ष की बयानबाजी ऐसे ही जारी रही, जिसका पाकिस्तान ने अपने समर्थन में खूब फ़ायदा उठाया। इस बार भी विपक्ष के कई नेता इस बात की माँग कर चुके हैं कि केंद्र सरकार को पाकिस्तान में की गई एयर स्ट्राइक के सबूतों को सामने रखना चाहिए।

कॉन्ग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह, मनीष तिवारी के अलावा एनडीए में बीजेपी की साथी शिवसेना ने भी एयर स्ट्राइक की सच्चाई को जनता के सामने रखनी की बात कही थी। कुछ लिबरल पत्रकारों और अर्बन नक्सल ने भी एयरस्ट्राइक के बाद सबूत माँगे थे, जिसका प्रयोग इस बार भी पाकिस्तान अपने समर्थन में करने से नहीं चूका। हालाँकि, सरकार की ओर से हर बार कहा गया कि विपक्षी पार्टियाँ सेना का मनोबल गिराने का काम रही हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया