Saturday, July 27, 2024
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सर्जिकल स्ट्राइक-II के बाद पत्रकारिता का धूर्त गिरोह सदमे में

जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति शांति बनाए रखने की गुहार लगाने वाले उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट के ज़रिए पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के लिए चिंता जताई है और कहा है कि अब दिक्कत इमरान के लिए है।

पुलवामा हमले के बाद से ही देश के हर व्यक्ति के सीने में बदले की आग जल रही थी। हर कोई देश की सेना से और सरकार से उम्मीद लगाए बैठा था कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए जल्द से जल्द कुछ किया जाए। ऐसे में IAF द्वारा पाकिस्तान में किए गए इस मेजर ऑपरेशन से न केवल जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि मिली है, बल्कि आम जनता के आक्रोश को भी शांति मिली है।

देश के हर नागरिक में इस समय उत्साह की लहर है। लेकिन, IAF की इस उपलब्धि के बाद एक तरफ जहाँ पाकिस्तान में हलचल मच गई, वहीं हमारे देश में भी मीडिया समुदाय के कुछ लोग हैं जो एक्शन में आ गए।

IAF के एक्शन के बाद सोशल मीडिया पर लगातार लोगों की प्रतिक्रिया देखकर इन लोगों में खलबली मचनी शुरू हो गई। IAF समेत केंद्र सरकार की बड़ी कामयाबी पर तो इस ‘टुकड़ी’ से कुछ बोला नहीं जा रहा है, लेकिन लोगों के पूरे मामले को तोड़-मरोड़कर अलग-अलग दिशा में दिखाने के लिए यह लोग प्रयासरत हैं।

सागरिका घोष, प्रोपेगेंडा पत्रकारिता जगत की एक बड़ी हस्ती हैं। एक तरफ जहाँ पूरा देश इस कामयाबी को सराहने में जुटा है, वहीं सागरिका ट्वीट करके सवाल दाग रही हैं कि कौन से बालाकोट में IAF द्वारा बम गिराए गए हैं? पीओके के बालाकोट में या फिर पखतूनख्वा के बालाकोट में? सागरिका अपने सवाल के लिए आधिकारिक पुष्टि का इंतजार कर रही हैं।

इनके अलावा सोशल मीडिया पर और भी बहुत से ऐसे लोग हैं जो बेतुके सवाल पैदा करके अपने फॉलोवर्स को बरगलाने की कोशिशें कर रहे हैं। मुशर्रफ ज़ैदी इसका ही उदाहरण हैं। इन्हीं के ट्वीट पर सागरिका ने अपना सवाल किया है।

कुछ दिन पहले तक जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति शांति बनाए रखने की गुहार लगाते उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट के ज़रिए पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के लिए चिंता जताई है और कहा है कि अब दिक्कत इमरान के लिए है क्योंकि उन्होंने कुछ दिन पहले कहा था कि भारत के एक्शन लेने पर पाकिस्तान भी जवाब देगा। अपने ट्वीट में वो पूछ रहे हैं कि इस कदम की क्या प्रतिक्रिया होगी? साथ ही संशय की स्थिति में हैं कि क्या भारत को पाकिस्तान के हमले का जवाब देना चाहिए था?

अक्सर सरकार विरोधी बयानों के लिए चर्चा में रहने वाली राणा अयूब ने इस मौक़े पर पीएम मोदी पर सवाल उठाया है कि पहले मोदी गाँधी पीस अवार्ड में शामिल हुए और कुछ मिनट बाद वो चुरू में जनसभा को संबोधित करेंगे। आज के दिन राणा के इस तरह के पोस्ट को क्या समझा जाए?

मौकापरस्ती का घोर उदाहरण पेश करने वाले शाह फैसल भी इस मौके पर चुप नहीं बैठ पाए। IAF की बड़ी कामयाबी पर अपनी राजनीति करते हुए ट्वीट करके पूछ रहे हैं कि इन सबसे कौन हार रहा है और किसे फायदा हो रहा है?

राहुल गाँधी ने भी अपने ट्वीटर हैंडल से एक ट्वीट किया जिसमें वो IAF के पॉयलटों को सैल्यूट कर रहे हैं। इस ट्वीट से मालूम पड़ता है कि वंशवाद की थ्योरी पर चल रही पार्टी के अध्यक्ष यही सोचते हैं कि IAF में बिना टीम के पायलट ही पूरी ऑपरेशन को मुमकिन कर आए।

बता दें इस समय सोशल मीडिया पर इस तरह के पोस्ट और ट्वीट करने वाला गिरोह पूर्ण रूप से सक्रिय हो रखा है। अपनी विचारधारा में लपेट कर इस कामयाबी पर सवालों की झड़ी लगाने वाले यह वहीं लोग हैं, जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत माँगे थे। हर बार युद्ध के नाम पर अपनी कथित संवेदनाओं को जगा देने वाले तमामों लोग पुरजोर कोशिशें कर रहे हैं कि किसी भी तरह से चुनाव में सरकार को इसका फायदा न हो जाए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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