मारा गया चीनी सैनिकों का कमांडिंग ऑफिसर भी, लद्दाख की गलवान घाटी में हुए झड़प में भारत के 4 और सैनिकों की हालत गंभीर

गलवान घाटी (साभार: इंडिया टुडे)

लद्दाख सीमा पर गलवान घाटी में 15-16 जून की रात भारत-चीन की सेना में हुई झड़प में चीन यूनिट का कमांडिग ऑफिसर (सीओ) भी मारा गया। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, कमांडिग ऑफिसर के अलावा चीन के 40 सैनिकों के मरने की खबर है।

सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक कर रहे हैं। वहीं, 4 भारतीय सैनिकों की हालत अभी गंभीर बनी हुई है। रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि सरकार ने आर्मी को सीमा पर कार्रवाई करने के लिए खुली छूट दे दी है।

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गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प की साइट पर चीन के हेलीकॉप्टरों की आवाजाही से इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि वहाँ बड़े पैमाने पर चीन के सैनिक हताहत हुए हैं। ANI ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि मृतक और घायल चीनी सैनिकों की संख्या का झड़प की साइट पर स्टेचरों की संख्या, एम्बुलेन्स और हेलीकाप्टरों की आवाजाही से 40 से अधिक का अनुमान है। साथ ही जिस भारतीय यूनिट से झड़प हुई उसने भी बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों के घायल और मृत होने की बात कही है।

ANI का अपने सूत्रों के हवाले से कहना है कि चीन के मृत और घायल सैनिकों की सही संख्या नहीं बताई जा सकती है लेकिन कई बातों को ध्यान में रखते हुए इसके 40 से अधिक होने का अनुमान है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बीच मंगलवार देर रात तक गलवान में हुई घटना को लेकर बातचीत हुई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार ने सेना को खुली छूट दे दी। सरकार ने कहा कि जमीनी हालात के मुताबिक सेना कार्रवाई करे।

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बता दें, भारतीय सेना ने मंगलवार देर रात इस घटना पर विस्तृत बयान जारी किया। बयान के मुताबिक, 6 जून के समझौते के मुताबिक गलवान घाटी के पास सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जारी थी। जब भारतीय दस्ता बॉर्डर किनारे चीन की स्थिति को जाँचने पहुँचा, तब दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हो गई।

शुरुआत में भारत में 1 कमांडिंग अफसर और 2 जवानों के वीरगति प्राप्त होने की बात सामने आई थी, लेकिन बाद में सेना ने जानकारी दी कि अन्य 17 घायल भी वीरगति को प्राप्त हो गए हैं, यानी इस झड़प मे कुल 20 जवानों की जानें गईं।

इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गलवान घाटी में भारतीय जवानों का जान गँवाना बेहद दर्दनाक और परेशान करने वाला है। राष्ट्र हमारे वीर सैनिकों के इस बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।

वहीं, विदेश मंत्रालय की ओर से भी इस मामले में बयान जारी किया गया। MEA के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत सीमा पर शांति बनाए रखने का पक्षधर है। भारत सीमा विवाद के किसी भी मुद्दे का शांति और संवाद के जरिए समाधान का पक्षधर है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “चीन के सैनिकों की तरफ से यथास्थिति को न मानने का प्रयास हुआ और इसके कारण टकराव की नौबत आई। इसमें दोनों तरफ के सैनिक मारे गए, घायल हुए। जबकि दोनों तरफ से उच्च स्तर पर बन रही सहमति के आधार पर इसे टाला जा सकता था।”

अनुराग श्रीवास्तव ने आगे कहा, “सीमा प्रबंधन पर जिम्मेदाराना दृष्टिकोण जाहिर करते हुए भारत का स्पष्ट तौर पर मानना है कि हमारी सारी गतिविधियाँ हमेशा एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के भारतीय हिस्से की तरफ हुई हैं। हम चीन से भी ऐसी ही उम्मीद करते हैं।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया