Monday, November 18, 2024
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लुटेरों की सीटी बजाने से लेकर आसिफ को ‘जॉनी-जॉनी’ पढ़ाने तक: ट्विटर पर ये पुलिस सबसे मजेदार, सुशांत के जीजा के पास है कमान

"गृह-त्याग के आधुनिक दृष्टांत। दो साल से एक भड़की पत्नी चम्पत थी और दो महीने से एक फटेहाल पति नौ-दो ग्यारह। हमेशा की तरह करे कोई, भरे पुलिस। मारे-मारे फिरे तो बच्चों की माँ हरदोई मिली और पत्नी का पति हैदराबाद। देखते हैं कितने दिन टिकते हैं।"

हरियाणा की फरीदाबाद पुलिस सोशल मीडिया पर लगातार चर्चा में है और इसकी वजह है कि वो अपराधियों के खिलाफ कार्रवाइयों की सूचना तो देते ही हैं, लेकिन साथ में उसमें मजाकिया छौंक भी लगाते हैं। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के जीजा ओपी सिंह फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर हैं। फरीदाबाद पुलिस अपने ट्विटर हैंडल ‘@FBDPolice’ से खासी सक्रिय रहती है और अपनी कार्रवाई की जानकारी एक अलग अंदाज़ में देती है।

उदाहरण के लिए, जब आसिफ नाम का एक चोर पकड़ाया तो ‘जॉनी-जॉनी’ की तर्ज पर फरीदाबाद पुलिस ने पूरी कविता ही बना डाली – आसिफ़-आसिफ़, हाँ बाबा हाँ, चोरी किया? ना बाबा ना, तारीख़ भुगता, ना बाबा ना, पीओ बन गया, हाँ बाबा हाँ, जेल चलो फिर, ना बाबा ना…”। साथ ही पुलिस ने ‘बुरे काम का बुरा नतीजा’ हैशटैग लगाते हुए आसिफ की तस्वीर भी शेयर की, जिसमें वो पुलिस के शिकंजे में दिख रहा है।

इसी तरह जब एक ट्रैफिक पुलिस के हवलदार चतुर्भुज ने एक व्यक्ति का 53,000 रुपया गिरा पाकर उसे सौंप दिया तो उनकी तारीफ करते हुए फरीदाबाद पुलिस ने उनके हवाले से लिखा, “आजकल इधर-उधर, अंदर-बाहर, ऊपर-नीचे इतना न सीसीटीवी और मोबाइल कैमरा है कि लौटाने में ज़्यादा फ़ायदा है। आप भी यही करिए।” अपनी हर ट्वीट में पुलिस इमोजी का इस्तेमाल भी बड़े करीने से करती है।

जब दहेज़ के एक मामले में आरोपित गिरफ्तार हुआ तो फरीदाबाद पुलिस ने उसकी तस्वीर के साथ अपने हैंडल पर लिखा, “2 साल से फ़रार दहेज-लोभी भेड़िया गिरफ़्तार। चालू फ़ोटोग्राफर महेश ने कर डाली दो-दो शादी। क्लेश मचा तो 2nd वाली की कर दी फोटुओं वाली ही इंटरनेशनल बेइज्जती। मियाँ-बीवी का झगड़ा जो भी हो, मुक़दमा तो दहेज का ही दर्ज होता है। देखना है कि बरामद क्या-क्या होता है!”

जब कुछ लुटेरे गिरफ्तार हुए तो फरीदाबाद पुलिस ने लिखा, “कहता है फ़ैज़, इम्मी और आदिल कि लॉकडाउन में धंधा मंदा था इसीलिए लूट-लूट खेल रहे थे। असल में इन तीनों की बुद्धि मंद थी। पुलिस ने सीटी बजा दी है।

इसी तरह जब एक दिन में कई आरोपितों की गिरफ्तारियाँ हुईं तो उन सबकी तस्वीरें शेयर करते हुए पुलिस ने कविता की तर्ज पर लिखा, लाले की तिजोरी लबालब भरी, किसान की खेती हरी-भरी, आर्टिस्ट का मेक-अप दुरुस्त और पुलिस का लॉक-अप फ़ुल हो तो – मजा ही कुछ और है। अपराधियों को जेल भेजने को लेकर अक्सर ‘जेल-प्रवास’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है।

इसी तरह फरीदाबाद पुलिस ने एक पति-पत्नी के झगड़ों को सुलझाने के बाद भी मजे लिए और ट्विटर हैंडल से लिखा, “गृह-त्याग के आधुनिक दृष्टांत। दो साल से एक भड़की पत्नी चम्पत थी और दो महीने से एक फटेहाल पति नौ-दो ग्यारह। हमेशा की तरह करे कोई, भरे पुलिस। मारे-मारे फिरे तो बच्चों की माँ हरदोई मिली और पत्नी का पति हैदराबाद। देखते हैं कितने दिन टिकते हैं।”

इसी तरह जब सुपरमैन का स्टीकर लगा टीशर्ट पहने अपराधी गिरफ्तार हुआ तो फरीदाबाद पुलिस ने कुछ इस अंदाज़ में जानकारी दी, “ये हैं गोलू। बिग-बॉस की फ़ील लेने के लिए पहले इसने सुपरमैन छाप वाला लत्ता ओढ़ लिया। फिर कहीं से देसी कट्टा ख़रीद लाया। इसकी चढ़ती कला को देखते हुए पुलिस ने इसे अपने घेरे में ले लिया है। जेल के सुरक्षित माहौल में उम्मीद है ये उम्दा फ़ील करेगा।”

कुछ पेशेवर चोर गिरफ्तार हुए तो ट्विटर हैंडल से लिखा गया, “इरफ़ान और लल्ला धरा गया चोरी के स्कूटी और मोटर साइकिल के साथ। पेशेवर चोर है। धंधा ही चोरी है। जेल जाना-आना आम बात।”

अपराधियों के लिए ये पुलिस “तू डाल-डाल, मैं पात-पात” वाला मुहावरा भी इस्तेमाल करती रही है। फरीदाबाद पुलिस जनसेवा के कार्य भी करती है और अक्सर ब्लड डोनेशन कैम्प्स और जागरूकता अभियान भी चलाती है। गाँजा के साथ गिरफ्तार अपराधियों से पूछती है कि भाई इतना क्यों पीते हो? पर्यावरण के लिए हजारों पेड़-पौधे लगाती है। मिसिंग लोगों के परिजनों को खोजने के लिए भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करती है।

ओपी सिंह खुद एक बुद्धिजीवी हैं, जो अपने लेखों के जरिए अक्सर अपनी बात रखते रहते हैं। उनका कहना है कि लोग चाहते हैं कि पुलिस एक ही समय में बाघ की तरह बहादुर हो, मदर टेरेसा की तरह निःस्वार्थ हो और नौकरों की तरह बात मानने वाली हो। वो पुलिस होने को एक चुनौती मानते हैं। ओपी सिंह अपने लेख के जरिए जूनियर अधिकारियों को सलाह भी देते हैं कि वो एक अच्छे पुलिसकर्मी कैसे बनें

IPS ओम प्रकाश सिंह (OP Singh) 1997 बैच के अधिकारी हैं। इससे पहले वह मुख्यमंत्री कार्यालय में कम्युनिटी पुलिस ऐंड आउटरीच विभाग में स्पेशल ऑफिसर के पद पर तैनात थे। महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए भी उनका अभियान चल रहा है। ‘Say Yes to Sports’ ‘हौसलानामा’ और ‘जिन ढूँढा तिन पाइयाँ’ जैसी पुस्तकें लिख चुके हैं। सुशांत के लिए प्यार इतना कि आज भी उनके ट्विटर हैंडल की प्रोफ़ाइल और कवर पिक में वो अपने दिवंगत साले के साथ ही दिख रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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