What’s Wrong With India: भारतीयों ने हाइजैक किया भारत विरोधी प्रोपेगंडा, खोल दी नफरती ट्रेंड की पोल, दूसरे देशों की सच्चाई भी दिखाई

भारतीयों ने भारत विरोधी ट्रेंड को किया हाइजैक

भारतीयों ने इन्टरनेट पर चलाए जाने वाले भारत विरोधी कैम्पेन की हवा निकाल दी। साथ में ही उन्होंने पश्चिमी देशों की वह सच्चाई सामने ला दी, जो पश्चिमी देश, मीडिया और औपनिवेशिक मानसिकता वाले नागरिक छुपाना चाहते हैं। इन्टरनेट पर आम नागरिकों की इस फ़ौज को भारत सरकार का आधिकारिक समर्थन भी मिला। यह पूरी कहानी What;s Wrong With India नाम के एक ट्विटर ट्रेंड से

भारत सरकार के एक एक्स (पहले ट्विटर) हैंडल ने भी इस अभियान हिस्सा लिया। भारत सरकार के @MyGovIndia ने भी इसी श्रंखला में भारत की उपलब्धियों को दिखाते हुए एक ट्वीट किया। इसमें भारत के घोर गरीबी के उन्मूलन में सफलता, चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले पहले देश बनने, IMF द्वारा आर्थिक स्थिति को लेकर प्रशंसा पाने और डिजिटल इन्फ्रा में पाई गई उपलब्धियों का जिक्र था। इस ट्वीट को ‘व्हाट्स रॉंग विद इंडिया’ (What’s Wrong with India) का नाम दिया गया था।

लेकिन असल जानने वाली बात है कि आखिर सरकार का एक ट्विट्टर हैंडल बिलकुल विपरीत लाइन लिख कर भारत की उपलब्धियों को दर्शा रहा था। इसके पीछे क्या कारण है और इस कैप्शन (व्हाट्स रॉंग विद इंडिया) की कहानी क्या है?

विदेशी सोशल मीडिया अकाउंट चला रहे थे (What’s Wrong with India) का एजेंडा

दरअसल, भारत सरकार के इस हैंडल का यह ट्वीट एक ट्रेंड हाइजैक का हिस्सा था। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से विदेशी सोशल मीडिया अकाउंट्स भारत की नकारात्मक छवि पेश कर रहे थे। यह प्रमुखता से ट्विटर पर हो रहा था। यह अकाउंट भारतीयों के गाड़ी चलाने के तरीके, खान पान की आदतें, खुले में पेशाब, ड्रग की समस्या और धोखाधड़ी जैसे चीजों की फोटो वीडियो के जरिए भारत को निशाना बना रहे थे। यह बीते कुछ समय से विशेष रूप बढ़ गया था। इसमें हालिया 10 दिन में तो बाढ़ सी गई थी।

What’s Wrong With India ट्रेंड

हालाँकि अभी ये तो नहीं पता कि ‘What’s Wrong with India’ वाला ट्रेड किसने चालू किया? कई सोशल मीडिया यूजर्स के अनुसार, यह सबसे पहले तब सामने आया जब विश्व भर से कई भारत विरोधी अकाउंट्स ने भारत में स्ट्रीट फूड को निशाना बनाया। उन्होंने इसे गंदा बताया। बात यहीं नहीं रुकी, यही अकाउंट्स धीरे-धीरे भारत में महिलाओं की सुरक्षा, अपराध और भ्रष्टाचार जैसे अन्य मुद्दों को लेकर भी भारत निशाना बनाने लगे। इस पूरे अभियान में यह व्हाट्स रॉंग विद इंडिया वाली लाइन सबसे बड़ा हथियार बनी।

भारतीयों ने हाइजैक कर लिया प्रोपेगंडा

जब भारत के खिलाफ यह अभियान चला तो भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स ने भी अपना दम दिखाया। उन्होंने भी अन्य देशों की कमियों को उजागर करना चालू किया। हालाँकि, भारतीय यूजर्स ने इसमें भी वही कैप्शन (What’s Wrong With India) उपयोग की जो कि विदेशी अकाउंट उपयोग में ला रहे थे। दरअसल, इसके पीछे का कारण यह था कि एलन मस्क के मालिकाना हक़ वाला ट्विटर इस कैप्शन वाली इन पोस्ट को बढ़ावा दे रहा था और ज्यादा जनता तक पहुँचा रहा था।

आसान भाषा में समझे तो ट्विटर भारत विरोधी प्रोपेगंडा को हवा दे रहा था। जबकि भारतीय अगर अन्य देशों के विषय में कमी निकालते तो वह ज्यादा लोगों तक नहीं पहुँचती। ऐसे में भारतीय यूजर्स ने इस भारत विरोधी अभियान को अपने हक़ में लाने के लिए हाईजैक कर लिया। भारतीय यूजर्स ने ट्विटर की तकनीक उसके खिलाफ ही अपनाई और भारत विरोधी प्रोपेगंडा को ध्वस्त कर दिया। इसी अभियान को भारत सरकार का भी साथ मिल गया।

दूसरे देशों की कमियाँ भी सामने रख दी

जहाँ दूसरे देशों के यूजर्स भारत का अपमान कर रहे थे, वहीं भारतीय यूजर्स ने इन देशों की कमियों को भी सामने रखा। भारतीयों ने दूसरे देशों में मेट्रो में होने वाली अश्लीलता, ड्रग्स की बढ़ती समस्या, सड़कों पर बिखरे कूड़े और ऐसे ही तमाम उदाहरण ट्विटर पर सामने रखे। एक वीडियो में एक व्यक्ति मेट्रो के अंदर पेशाब करते दिखता है। इन सब पोस्ट में What’s Wrong with India का उपयोग किया गया।

What’s Wrong With India ट्रेंड के साथ की गई एक पोस्ट

दूसरे भारतीय यूजर ने मेट्रो के अंदर नहाते एक व्यक्ति की वीडियो डाल दी।

एक अन्य ने सड़कों पर पड़ा कूड़ा और सड़क किनारे टेंट में रहते लोग दिखाए।

एक अन्य वीडियो में नशेडी देखे जा सकते हैं।

इसके बाद तो पश्चिमी देशों का सच दिखाने वाले मीम्स, सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियो की भरमार हो गई। इन सबमें भारत जा एंगल जोड़ा गया। भारतीय यूजर्स ने स्पष्ट किया कि मात्र भारत ही नहीं बल्कि विकसित देशों में भी वही समस्याएँ हैं। इस ट्रेंड में सरकारी पोर्टल ने भी हिस्सा लेकर और भी मजेदार बना दिया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया