केंद्र सरकार और नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे कथित किसान संगठनों के बीच शुक्रवार (22 जनवरी 2021) को 11वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। संगठनों के अड़ियल रवैए को देखते हुए सरकार ने भी अब बातचीत की अगली तारीख नहीं दी है। अपनी ओर से दिए गए प्रस्तावों पर विचार करने को कहा है।
किसान नेताओं ने मीटिंग के बाद कहा, “सरकार द्वारा जो प्रस्ताव दिया गया था वो हमने स्वीकार नहीं किया। कृषि क़ानूनों को वापस लेने की बात को सरकार ने स्वीकार नहीं की। अगली बैठक के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है।”
‘किसान’ नेताओं के अड़ियल रवैए से जनसामान्य का जीवन भी प्रभावित होने लगा है। राकेश टिकैत जैसे नेता हर सुरक्षा मानक को नकारते हुए 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली करने पर अड़े हैं। शुक्रवार को इस संबंध में परेड की रिहर्सल भी हुई।
अब कथित किसानों की इसी मनमानी को देखते हुए लोगों के सब्र का बाँध टूटने लगा है और लोग आंदोलन में शामिल उन अराजक तत्वों पर कार्रवाई की मॉंग कर रहे हैं जो किसानों को ये समझने नहीं दे रहे कि उनके हित में क्या है क्या नहीं?
आज सुबह से ट्विटर पर खालिस्तानी_माँगे_कुटाई ट्रेंड कर रहा है। इस ट्रेंड पर अब तक 41 हजार ट्वीट हो चुके हैं। भारतीय फिल्म निर्देशक अशोक पंडित ने हैशटैग के अंतर्गत लिखा है, “तथाकथित किसान आंदोलन में सिख फॉर जस्टिस, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और खालिस्तान टाइगर फोर्स जैसे आतंकी संगठन शामिल हैं। जरूरी है कि इन देश विरोधी ताकतों को कुचला जाए।”
Terrorists organizations like #SikhforJustice, #KhalistanZindabadForce, #BabbarKhalsaInternational and #KhalistanTigerForce are part of this so called farmers protests .
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) January 22, 2021
Therefore it’s important for our country to crush this anti national forces . #खालिस्तानी_मांगे_कुटाई 👈
आशीष शुक्ला इस हैशटैग के अंतर्गत किसान नेता राकेश टिकैत द्वारा बार बार ट्रैक्टर रैली करने की बात पर कहते हैं, “अगर 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के ड्रामे के दौरान कोई भी दंगा हुआ तो दिल्ली पुलिस इसी पागल (psycho) व्यक्ति को यूएपीए एक्ट के तहत गिरफ्तार करना।”
#खालिस्तानी_मांगे_कुटाई If Any Riots Occure During so Called Drama Tractor Rally On 26th Of Jan Will @DCPCentralDelhi @DelhiPolice
— Ashish Shukla (@HinduBALAK1) January 22, 2021
Arrest This Physcho Man Under UAPA Act… pic.twitter.com/CqqMrG4P3A
समिता शर्मा ने जैजी बी की भड़काऊ वीडियो शेयर करके खालिस्तानियों पर निशाना साधा है। वह कहती हैं कि सरकार को धमकाना, झूठ बोलना, किसानों को अराजकता पैदा करने के लिए सड़कों पर उतरने के लिए उकसाना और ऐसे देश विरोधी प्रतिबंधित संगठनों की भागीदारी जो भिंडरावाला के नक्शेकदम पर चलती है- एक आंदोलन है जिसे किसान आंदोलन कहा जाता है।
#खालिस्तानी_मांगे_कुटाई Threatening govt, spreading lies, provoking farmers to come out on roads to create chaos and involvements of antinational banned organisations that follow the footstep of Bhindrawala is a movement called #FarmersProtests pic.twitter.com/ZFGq2nXPyA
— samita sharma (@samitas53375357) January 22, 2021
इस हैशटैग में किसान आंदोलन के दौरान हुई किसानों की मृत्यु को लेकर राकेश टिकैत को जिम्मेदार बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि यही आदमी किसानों की भावनाओं से और भारत की अखंडता से खेल रहे हैं। लोग आरोप लगा रहे हैं कि इन लोगों को खालिस्तानी संगठनों से फंडिंग मिल रही हैं।
राकेश टिकैत की वीडियो शेयर करके कहा जा रहा है कि इन लोगों को कभी भी किसान नेताओं से लेना-देना नहीं था। इनका मकसद सिर्फ़ अराजकता पैदा करना था, हिंसा फैलाना था और वैश्विक स्तर पर मोदी के ख़िलाफ़ नैरेटिव गढ़ना था। ऐसे फर्जी किसानों/ खालिस्तानियों के साथ वहीं करना चाहिए जो ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद भिंडरावाले के साथ हुआ था।
It was never about #FarmLaws
— Sushil Sancheti 🇮🇳 (@SushilSancheti9) January 21, 2021
The aim to create anarchy, violence and run a global narrative against @narendramodi govt.
The state must use force if these Fake Farmers/Khalistani wants to meet the fate of Bhindranwale after operation Blue Star.#खालिस्तानी_मांगे_कुटाई pic.twitter.com/s5Vv7cItB0
वीडियो में टिकैत कहते सुनाई दे रहे हैं, “देश को गणतंत्र दिवस मनाने का अधिकार है। किसी के बाप की जागीर है गणतंत्र दिवस। ये गणतंत्र दिवस दुनिया का किसान मनाएगा। दुनिया की सबसे बड़ी परेड होगा। कौन रोकेगा किसान को।” वह दिल्ली को खबरदार करते हुए कहते हैं कि अगर ट्रैक्टर को रोका गया तो उसका इलाज होगा। अगर किसी ने रोका तो उसकी बक्कल उतार दी जाएगी। वह चिल्लाकर पूछते हैं कि कौन रोकेगा ट्रैक्टर को? कोई नहीं रोकेगा।
Farmers are being misleads by opposition, Anti National elements are being involved in #FarmersProtest to unrest the India, PM Modi continuously taking the great step for national interest, so there’s a big conspiracy to stop him #खालिस्तानी_मांगे_कुटाई pic.twitter.com/ZZuMKR989x
— Support I Swadeshi goods (@WakeUpHindu) January 22, 2021
बता दें कि इस हैशटैग में कुछ लोग अराजक तत्वों का निवारण करने की बात कहकर इस बात पर गौर करवा रहे हैं कि आखिर केवल पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान जैसे राज्यों के किसान ही इसमें शामिल क्यों हो रहे हैं? वहीं कुछ लोग इस हैशटैग को ट्रेंड करवाने वालों की मंशा पर सवाल उठा कर पूछ रहे हैं कि क्या किसान प्रदर्शन पर बैठे सिख वाकई खालिस्तानी हैं।
We asked them to reconsider our proposal as it is in the interest of farmers and the country. We asked them to convey their decision tomorrow: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar on the eleventh round of talks between farmer unions and the government https://t.co/3D8Ka2AXfG
— ANI (@ANI) January 22, 2021
गौरतलब हो कि इस खींचतान और 11वें दौर की बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का बयान आया है। उन्होंने कहा, “भारत सरकार PM मोदी जी के नेतृत्व में किसानों और गरीबों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और रहेगी… विशेष रूप से पंजाब के किसान और कुछ राज्यों के किसान कृषि क़ानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “इस आंदोलन के दौरान लगातार ये कोशिश हुई कि जनता के बीच और किसानों के बीच गलतफहमियाँ फैलें। इसका फायदा उठाकर कुछ लोग जो हर अच्छे काम का विरोध करने के आदी हो चुके हैं, वे किसानों के कंधे का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर सकें।”