तुर्की ने कश्मीर के कट्टर अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को सालों आर्थिक मदद की थी। बीते कुछ समय में तुर्की ने अलग तरीकों से भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दिया है।
आसमान की ओर तर्जनी का यह इशारा चरमपंथी आतंकवादी 'तौहीद' के साथ वर्णित अल्लाह के उस संदेश को ही जताने के लिए करते हैं, जिसमें किसी भी अन्य सत्ता की कल्पना को भी कुफ़्र बताया गया है।
हमला सुबह-सुबह हुआ। उस समय अरदास के लिए गुरुद्वारे में छोटे बच्चों समेत करीब 150 लोग मौजूद थे। मोहन सिंह ने बताया कि गोली चलने की आवाज सुन उन्होंने खुद को टेबल के नीचे छिपा लिया। अचानक धमाका हुआ और छत का एक टुकड़ा उन पर आ गिरा।
आतंकी संगठन ISIS ने लड़ाकों से कहा है, "जिहादी लड़ाके याद रखें, महामारी अपने आप नहीं आती, अल्लाह के फरमान से आती हैं। अल्लाह में भरोसा रखना है और उसी से इस बीमारी से लड़ने की दुआ माँगनी है।" साथ ही खतरा टलने तक घर से ही काम करने की सलाह दी है।
ISIS की न्यूज एजेंसी अमाक ने एक वीडियो जारी किया है। इसमें आठ साल का लड़का एक ईसाई बंधक को गोली मारता नजर आ रहा है। साथ ही ईसाइयों को धमकी भी दे रहा है। एक अन्य घटना में आतंकियों ने पादरी का सिर कलम कर दिया।
हिन्दू घृणा से सने शाहीन बाग़ इलाक़े में CAA और NRC के ख़िलाफ़ ‘जिन्ना वाली आज़ादी’ जैसे नारे लगाए गए थे। इस दौरान ऐसे पोस्टर भी देखे गए जिनमें हिन्दू धर्म की तुलना नाज़ीवाद से और स्वास्तिक का दुरुपयोग करते हुए विखंडित दिखाया गया।
जिहाद के जरिए ये आतंकी मारत में इस्लामी राज लाना चाहते थे। इसके लिए मजहबी कक्षाएँ संचालित की गईं। गतिविधियों को अंजाम देने के लिए एक आतंकी मॉड्यूल 'अंसारुल्लाह' बनाया गया।
स्कूल की पढ़ाई अधूरी छोड़ने वाले उस्मान ने कुछ समय पाकिस्तान में भी बिताया था। उसने शुक्रवार को हमला कर दो लोगों की हत्या कर दी थी। बाद में स्कॉटलैंड यार्ड ने उसे मौके पर ही मार गिराया था।