Sunday, November 17, 2024

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JNU में आपत्तिजनक नारे लिखने वाले 7 छात्रों की हुई पहचान, पुलिस ने दर्ज की FIR

इस बीच एक वीडियो सामने आया है जिसमें छात्र ‘आज़ादी’ का नारा लगाते हुए दिख रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो जेएनयू कैंपस का है। हालाँकि ऑपइंडिया इस वीडियो के प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।

JNU माओवंशियों ने विवेकानंद की प्रतिमा को किया बदरंग, लोगों ने कहा – ‘ये ह%#मी, Pak से भी खतरनाक’

JNU वालों ने एक बार फिर साबित किया कि उन्हें अर्बन नक्सली, माओवादी, गद्दार, देश के दुश्मन, एंटी-नेशनल जैसे खिताबों से क्यों नवाज़ा जाता है। अपने ही शिक्षकों का अपहरण, दिल्ली की सड़कों को जाम करने के बाद अब उन्होंने अपने परिसर में लगी स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को अपना निशाना बनाया है।

माओवंशी आतंकी हैं, ह्यूमन राइट्स के पात्र नहीं: केरल मुख्य सचिव के बयान से खफा वामपंथ-कॉन्ग्रेस

कम्युनिस्टों का तो समझ में आता है, मगर कॉन्ग्रेस किस कारण से इन आतंकियों के पक्ष में अपना बचा खुचा जनाधार गँवाने पर तुली है।

केरल में वामपंथी और मुस्लिम आपस में भिड़े: मलप्पुरम में हुई मुस्लिम लीग कार्यकर्ता की हत्या

मुस्लिम लीग ने CPI-M के एक वरिष्ठ नेता पी जयराजन को हत्या का दोषी ठहराते हुए उनके ख़िलाफ़ जाँच की माँग उठाई है। यहाँ यह बात ग़ौर करने वाली है कि जयराजन कई हत्या के मामलों में आरोपित हैं। उनके ख़िलाफ़ हत्या की जाँच की माँग उठाते हुए, मुस्लिम लीग ने मलप्पुरम में बंद का आह्वान किया था।

वेदों-उपनिषदों पर सेमीनार करेगी CPI: केरल में RSS के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए उठाया गया कदम

सीएन चंद्रन के मुताबिक वेद और उपनिषद वैज्ञानिक विचारधारा का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन संघ परिवार के लोग इस विषयों पर अपना एकाधिकार मानते हैं और फिर उनकी गलत व्याख्या करते हैं।

न लाल, न भगवा: भगत सिंह किसी की ‘बपौती’ नहीं

यह प्रश्नवाचक चिह्न रह जाता है कि भगत सिंह का नव-जागृत हिन्दू धर्म के साथ कैसा रिश्ता होता। शायद वे तब भी नास्तिक रहते, लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि न भी रहते!

SFI का टॉर्चर चैंबर: जिस कॉलेज में निषाद की पीठ पर SFI गोदा, वहीं चंद्रन के सीने में घोंपा चाकू

जिस छात्र के साथ यह घटना घटित हुई थी वो बीए तृतीय वर्ष का छात्र अखिल चंद्रन था। इस घटना के पीछे वामपंथी छात्र संगठन SFI के कार्यकर्ताओं का हाथ था। चंद्रन के सीने में SFI के अध्यक्ष आर शिवरंजीथ ने चाकू मारा था, जबकि संगठन के सचिव एएन नसीम ने उसे पकड़ रखा था।

जातिवाद और साम्प्रदायिकता ही कम्युनिस्टों का ‘बाज़ार’ है, वो इसे भला खत्म क्यों होने देंगे?

जातिवाद खत्म करने वाली आर्थिक ताकत मुक्त बाज़ार के कम्युनिस्ट दुश्मन हैं। सड़कें न बनने देने वाले, स्कूलों में बम लगा देने वाले माओवादियों के पैरोकार हैं।

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