बिजन असम के दरांग जिले के मंगलदाई थाना क्षेत्र के निवासी थे और 6 सितंबर को वह इलाहाबाद आए थे। सुसाइड नोट में उन्होंने पीएम मोदी से अपने गायक बेटे की मदद की गुहार लगाई है। जिला प्रशासन से गुजारिश की कि उनका शव परिवार को न सौंपकर प्रयागराज में ही दफना दिया जाए।
तिहाड़ जाने से पहले चिदंबरम ने अदालत से कहा था कि वह जेड-श्रेणी की सुरक्षा के साथ जेल में रहना चाहते हैं, जहाँ पर एक बिस्तर दवाई की सुविधा, बाथरूम और वेस्टर्न टॉयलेट भी हो। अदालत द्वारा उनके इस निवेदन को......
चिदंबरम तिहाड़ नहीं जाना चाहते इसके लिए उनके वकील कपिल सिब्बल पहले भी एड़ी-चोटी का जोर लगा चुके हैं। लेकिन अब अदालत ने उन्हें 19 सितम्बर तक के लिए जुडिशल कस्टडी में भेजकर उनके तिहाड़ जाने का रास्ता साफ कर दिया है। उन्हें 19 सितम्बर तक तिहाड़ में ही रहना होगा।
अब प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ के लिए पी चिदंबरम को हिरासत में ले सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एजेंसी पूर्व वित्त मंत्री को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है। हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चिदंबरम ट्रायल कोर्ट के समक्ष नियमित ज़मानत की अर्ज़ी दाखिल कर सकते हैं।
सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम के लिए घर में नजरबंदी ही अच्छी होगी, उनको गिरफ्तारी से छूट दी जाए और जमानत के लिए आवेदन करने दिया जाए। वहीं CBI का कहना है कि इस पर फैसला ट्रायल कोर्ट को करना चाहिए और पी चिदंबरम को किसी भी तरह का संरक्षण न मिले।
विशेष सीबीआई अदालत ने आईएनएक्स मीडिया केस में आरोपित कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की सीबीआई हिरासत 2 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी है। हालाँकि जाँच एजेंसी ने मामले में चिदंबरम की हिरासत की अवधि 5 दिन बढ़ाने की माँग की थी।
कुछ दिन पहले तक सीबीआई की पकड़ से बचने के लिए तरह-तरह की युक्तियाँ जुगाड़ने वाले पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने एक आप्रत्याशित आवेदन के जरिए 2 सितंबर तक खुद सीबीआई की गिरफ्त में रहने की इच्छा जताई है। इसके पीछे तिहाड़ जेल भेजे जाने का वो प्लान है, जो...
ED की हिरासत से बचने के लिए चिदंबरम किस कदर व्यग्र हैं, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने खुद ही सोमवार तक सीबीआई की हिरासत में रहने की पेशकश कर डाली।
पी चिदंबरम की अग्रिम ज़मानत याचिका और गिरफ़्तारी से राहत प्रदान करने का निवेदन, जस्टिस गौड़ ने दोनों खारिज़ कर दी। कॉन्ग्रेस आज उन पर आरोप लगा रही है लेकिन 4 साल पहले सोनिया-राहुल चाहते थे कि जस्टिस गौड़ ही नेशनल हेराल्ड मामले को सुनें। समझें पूरा मसला यहाँ।