Sunday, May 11, 2025
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अनुपम कुमार सिंह

भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

जिस भारत ने दी पहचान, उसी से घृणा दिखा रहीं मंदाना करीमी: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बिलबिला कर निकल रहे ‘पैरासाइट’, खाएँगे यहाँ का...

मंदाना करीमी ने उस पोस्ट को साझा किया, जिसमें लिखा था कि दुनिया जल रही है और भारत ने पाकिस्तान में बमबारी करके महिलाओं-बच्चों की जान ले ली है। ये सब देखकर अनायास ही 'पैरासाइट' फिल्म की याद आ जाती है।

राम मंदिर और हिन्दू राष्ट्र से घृणा, EWS का विरोधी, राहुल गाँधी का सलाहकार… जिसे वक्फ कानून का विरोधी ‘हिन्दू संगठन’ बता रहा मीडिया,...

"हिन्दू संगठन वक़्फ़ संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट पहुँचा, कहा - इससे मुस्लिमों के अस्तित्व को ख़तरा" - इस शीर्षक को पढ़कर आपको क्या लगता है? आइए, आपको समझाते हैं कैसे किया जा रहा है सारा झोल।

जहाँ लिद्दर किनारे रचा गया ‘जय सोमनाथ’, शिव ने नंदी बैल को छोड़ा: पहलगाम के कण-कण में है शिवत्व, आज जहाँ 80% मुस्लिम कभी...

भगवान शिव ने पहलगाम में नंदी बैल को, चंदनबाड़ी में चन्द्रमा को, शेषनाग झील के किनारे सर्पों को और महागुणस पर्वत पर अपने बेटे गणेश को छोड़ा।

सऊदी में मोदी, जयपुर में वेंस, अमरनाथ यात्रा… अब लोगों को डराएँगे ‘कश्मीरियत’ और ‘जम्हूरियत’ जैसे शब्द, मुर्शिदाबाद से पहलगाम तक वही खतने वाली...

ट्रम्प भारत में थे तो दंगे हुए, वेंस भारत में हैं तो आतंकी हमला। दोनों के पीछे एक ही सोच काम करती है - खतना चेक करने वाली। मुर्शिदाबाद में भी यही सोच काम करती है। इन्हें अलग करके मत देखिए।

जगदीप धनखड़ ‘कु*#%’, हामिद अंसारी ‘संविधान के रक्षक’: TOI से लेकर The Wire तक पड़े उप-राष्ट्रपति के पीछे, जब आया महाभियोग तब कहाँ गई...

राज्यसभा में उप-राष्ट्रपति नीति-निर्माण की प्रक्रिया को संचालित करते हैं, ऐसे में उन्हें संवैधानिक मसलों पर बोलने का हक़ कैसे नहीं? TOI और The Wire को समझना चाहिए कि कई पूर्व जजों ने न्यायपालिका में पारदर्शिता की बात की है।

हिन्दू मृतकों को ठीक से अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं, आतंकी के जनाजे में 2 लाख की भीड़: मुर्शिदाबाद के ब्राह्मण-नाई हों या सीलमपुर...

मृत शरीर के भी कुछ अधिकार होते हैं, सम्मानजनक अंतिम संस्कार के। दुर्भाग्य से, भारत देश में ये आतंकियों को तो सहज उपलब्ध है लेकिन बेचारे हिन्दुओं को नहीं।

वक्फ बोर्ड पर याचिका कबूल नहीं, वक्फ कानून पर डायरेक्ट सुनवाई: अयोध्या पर प्रमाण माँगने वाले पूछ रहे – 1500 साल पुरानी मस्जिद कहाँ...

कश्मीर से हिन्दुओं को भगा दिया गया, तो क्या उनकी संपत्तियाँ 'वक़्फ़ बाय यूजर' हो गईं? कल को मुर्शिदाबाद में भी यही होगा। सुप्रीम कोर्ट हिन्दुओं के मामले में क्यों माँगता है काग़ज़?

जहाँ श्रीराम ने किया अश्वमेध यज्ञ, दधीचि ने शरीर दान, धर्म सभा से निकले 18 पुराण… उस नैमिषारण्य को दूसरी अयोध्या बनाएगी योगी सरकार,...

माना जाता है कि तब देश-समाज पर अवश्य ही कोई संकट आन पड़ा होगा, तभी नैमिषारण्य में विशाल धर्मसभा बुलाई गई थी। वहीं पुराणों की रचना के बीज पड़े।