दारुल उलूम में एंट्री के लिए अब महिलाओं को अपने शौहर या किसी अभिभावक के साथ आना होगा। उन्हें संस्थान घूमने की सिर्फ 2 घंटे आजादी मिलेगी और शाम से पहले उन्हें बाहर निकलना होगा।
जस्टिस न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन ने कहा कि शौहर के दोबारा निकाह के कारण पहली बीवी को भावनात्मक तौर पर बेहद दुख और दर्द हुआ है। ये मानसिक क्रूरता जैसा है।