नेपाल की केपी ओली सरकार ने देश के विवादित नक्शे वाली किताब के वितरण पर रोक लगा दिया है। नेपाल के विदेश मंत्रालय और भू प्रबंधन मंत्रालय ने शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी इस किताब के विषयवस्तु पर गंभीर आपत्ति जताई थी।
''वास्तविक अयोध्या बीरगंज के पश्चिम में थोरी में स्थित है, भारत अपने यहाँ भगवान राम का जन्मस्थल होने का दावा करता है।'' वहीं अब अजीबोगरीब दावे के बाद खुद को बुरी तरह घिरता देख ओली ने विदेश मंत्रालय के जरिए सफाई पेश करवाई है।
भारतीय विदेश मंत्री द्वारा चीन को कड़ा संदेश देते हुए कहा गया कि गलवान घाटी में जो हुआ वह चीन द्वारा पूर्व नियोजित कार्रवाई थी, जो इसके बाद की अन्य घटनाओं के लिए जिम्मेदार था।
अब तक पूरे देश में कोरोना वायरस से जुड़े 73 मामले सामने आ चुके हैं। उधर लोकसभा में सरकार ने देशवासियों को आश्वस्त किया है कि वह कोरोना वायरस के कारण विदेशों में फँसे भारतीयों को किसी भी कीमत पर भारत लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
"मैं आज इस बात को बहुत विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि अगर आप किसी भारतीय दूतावास में जाते हैं, तो वहाँ आपका स्वागत ऐसा होगा जिससे कि आप प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि हम अपने द्विपक्षीय संबंधों को एक नए मुकाम पर ले जाना चाहते हैं जो पहले नहीं था।"
रवीश कुमार ने कहा कि चीन को वैश्विक आम सहमति के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए और भविष्य में इस तरह की कार्रवाई से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक आम सहमति है कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है।