'केशवानंद भारती बनाम केरल सरकार' वाले ऐतिहासिक केस ने संविधान की मर्यादा को पुनर्स्थापित किया। इसे भारतीय न्यायपालिका का सबसे 'लैंडमार्क फ़ैसला' कहा जाता है। एक ऐसा निर्णय, जिसने लोकतंत्र की मर्यादा और संविधान की अक्षुण्णता को बरक़रार रखा।
भारतीय संसद ने संविधान में अब तक 103 बार संशोधन किए हैं। इनमें से केवल एक को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक बताया। पहला और अंतिम, दोनों संशोधन सामाजिक न्याय से संबंधित थे।
राज्यसभा में भी विधेयक पारित हो जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान निर्माताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए ट्विटर पर जनता को बधाई दी
कैबिनेट से मंज़ूरी मिलने के बाद कई पार्टियों ने इस फ़ैसले का स्वागत किया है जिसमें बीजेपी की धुर विरोधी पार्टी कॉन्ग्रेस भी शामिल है। एनसीपी और आम आदमी पार्टी ने भी इस फ़ैसले का समर्थन किया है।