जाकिर नाइक ने कुवैत के एक वकील को सुझाव दिया है कि वह भारत के उन गैर-मुस्लिमों को खाड़ी देश आने पर जेल भेजने का प्रबंध करे जो इस्लाम पर टिप्पणी करते हैं। नाइक का यह वीडियो ट्विटर पर वायरल हो रहा है।
देश में लगातार डॉक्टरों के साथ मारपीट करने की जमातियों की खबर पर वसीम रिजवी ने कहा कि डॉक्टरों को परेशान करके उनका मनोबल कम करने की कोशिश की जा रही है। यह भी इन सभी तबलीगी जमातियों की साजिश का एक हिस्सा है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुदीब मोहम्मद ने सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक को फॉलो कर रखा है, वो उसके भाषण को देखता और उसे लाइक और शेयर भी करता है। पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि ऐसे पोस्ट करना उसकी आदतों में शुमार है, जो अन्य समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करती है।
"जाकिर नाइक एक बाहरी व्यक्ति है, जो एक भगोड़ा है और उसे मलेशियाई इतिहास की बहुत कम जानकारी है, इसलिए, उसे मलेशियाई लोगों को नीचा दिखाने जैसा विशेषाधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। इससे ज्यादा उसकी देश के प्रति वफादारी भी संदिग्ध है।”
उस दिन मंदिर के महाप्रसाद को 40 हजार से ज्यादा लोगों ने खाया था। दहशतगर्दों की साजिश थी कि महाप्रसाद में जहर मिलाकर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की जान ली जा सके।
ब्रिटेन और कनाडा के बाद, भारत और बांग्लादेश ने पीस टीवी पर भी प्रतिबंध लगा दिया था, जो अक्सर ISIS के भर्तियों में इस्तेमाल किया जाता रहा है, ताकि वे ब्रेनवाश कर सकें। धार्मिक असहिष्णुता और हिंसक अतिवाद को उकसाने के लिए, नाइक की वार्ता और भाषणों को भारत सरकार द्वारा 'अत्यधिक आपत्तिजनक' घोषित किया गया था।