न्यायपालिका

‘आरोपित को है चुप रहने का अधिकार, बोलने के लिए नहीं बना सकते दबाव’: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, कहा – चुप रहने का मतलब जाँच में असहयोग नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक आरोपित को चुप रहने का अधिकार होता है, इसे असहयोग नहीं कहा जा सकता और जाँचकर्ता उस पर दबाव नहीं बना सकते कि…

जो करते हैं हिंदुस्तान को बदनाम, उनको पैसे नहीं दें भारत के बिजनेसमैन: उपराष्ट्रपति धनखड़ ने IIT-IIM की दी सलाह

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि देश के व्यवसायियों को उन विदेशी संस्थानों को फंडिंग नहीं करनी चाहिए, जो भारत को बदनाम करते हैं।

‘कुछ लोग चाहते हैं कि न्यायपालिका विपक्ष बन जाए’: केंद्रीय कानून मंत्री ने ‘टुकड़े-टुकड़े गिरोह’ को लताड़ा, कहा – भारत सभी लोकतंत्रों की माँ

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि भारतीय न्यायपालिका को कभी भी विपक्षी पार्टी की भूमिका निभाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

कमाई डेढ़ करोड़ रुपए और खर्च 4 करोड़: इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज पर CBI ने दर्ज की दूसरी FIR, बीवी और साले भी नामजद

CBI ने इलाहबाद हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस एसएन शुक्ला पर आय से अधिक सम्पत्ति का केस दर्ज किया है, जिसमें उनकी पत्नी और साले भी नामजद हैं।

कठघरे में किरेन रिजिजू, सवाल- आप अदालत को कंट्रोल करना चाहते हैं: जवाब में जज-कोर्ट पर मोदी सरकार के काम बताए, ₹9000 करोड़ का फंड भी

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि अदालतों और जजों के लिए जो काम मोदी सरकार ने किए हैं वे पहले कभी नहीं हुए। फिर भी न्यायपालिका को…

‘संविधान पीठ का फैसला मानने के लिए सरकार बाध्य’: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज नरीमन ने कहा- जवाब के लिए दी जाए समय सीमा, फिर कर दी जाए नियुक्ति

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रोहिंटन फली नरीमदन ने कहा कि अगर संविधान पीठ ने कोई फैसला दे दिया तो सरकार उसे मानने के लिए बाध्य है।

पूर्व CJI के पुत्र, पाटर्नर विदेशी: गे वकील सौरभ कृपाल को HC जज बनाने पर क्या है आपत्ति, क्यों उनके लिए अड़ा सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम

केंद्र ने RAW की रिपोर्ट के आधार पर वकील सौरभ कृपाल के नाम को जज के लिए अस्वीकार कर दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फिर नाम भेजा है।

ऐसे ही नहीं पेंडिंग पड़े हैं 4.5 करोड़ केस: जिस केस में अधिकतम सजा 7 साल, वह आज के सुप्रीम कोर्ट जजों के जन्म से पहले से चल रहा

कोर्ट में इतने पुराने मुकदमे लंबित हैं कि उन केसों से कम उम्र तो सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान सभी 27 न्यायाधीश हैं। कुछ केस तो 70 साल पुराने हैं।

माहवारी होते निकाह, बेटियों को संपत्ति में अधिकार, कट्टरपंथी मानसिकता, न्याय में देरी… जानिए क्यों जरूरी है पूरे भारत में समान नागरिक संहिता

देश में विभिन्न कारणों से समान नागरिक संहिता की विशेष जरूरत है। सरकार को इसे तुरंत लागू करना चाहिए ताकि न्याय में विलंब को रोका जा सके।

देश में लोकतंत्र, लेकिन जनता को ‘कॉलेजियम सिस्टम’ के बारे में जानने का अधिकार नहीं: सुप्रीम कोर्ट के अड़ियल रुख से न्यायपालिका में खत्म हो जाएगी लोगों की आस्था

कॉलेजियम सिस्टम को लेकर मोदी सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच रार बढ़ गई है। SC किसी भी हालत में कॉलेजियम छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।