शुक्रवार की शाम को बारिश के साथ आकाशीय बिजली के साथ गिरी आकाशीय बिजली के सम्पर्क में आने से सड़क पर बिछाए गए सभी 56 IED बम ब्लास्ट हो गए। इतनी भारी मात्रा में IED बिछाने का मक़सद किसी बड़ी घटना को अंजाम देना था।
माओवादी नक्सलियों ने कादती के परिवार के अन्य सदस्यों को कोई हानि नहीं पहुँचाई। चौंकाने वाली बात यह है कि माओवादियों ने पुलिसकर्मी की हत्या की और फिर बिना किसी डर के वो जंगल में वापस चले गए। कॉन्ग्रेस शासित छत्तीसगढ़ राज्य में अराजकता का यह स्पष्ट उदाहरण है।
इन हथियारों के बरामद होने के बाद माना जा रहा है कि माओवादी पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी आतंकी संगठन के संपर्क में हैं। इनका मकसद भारत की शासन व्यवस्था के विरुद्ध खड़े होकर देश को तोड़ना है।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इन माओवादियों का इरादा किसी बड़ी घटना को अंजाम देने का था। सुरक्षा इंतज़ाम को कड़ा करते हुए पूरे इलाक़े की घेराबंदी की गई है जिससे इन माओवादियों के भागने का मौक़ा न मिल सके।
आपकी बेटी नक्सलियों के साथ जंगलों में एरिया कमांडर के सेक्स की भूख नहीं मिटा रही। आपका बेटा सीआरपीएफ़ के लिए माइन्स नहीं बिछा रहा। आप बुद्धिजीवी बनते हैं और मौन वैचारिक सहमति देते हैं क्योंकि प्यादों की लाइन ही राजा को बचाने के लिए पंक्तिबद्ध होती है।