हर 6 महीने में हजारों कर्मचारियों की जम्मू और श्रीनगर में अदला-बदली की जाती थी। इसके तहत फाइलों और दूसरे सामानों को भी एक जगह दूसरी जगह ले जाया जाता था।
उपराज्यपाल ने 20 जून को ऐलान किया था कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन पूरी तरह से ई-ऑफिस व्यवस्था अपना चुका है और इस तरह साल में दो बार 'दरबार स्थानांतरण’करने की प्रथा समाप्त हो गई है।