Sunday, November 17, 2024

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Bhima Koregaon

अर्बन नक्सल: सुधा भारद्वाज, वर्नोन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा को बेल नहीं, भीमा-कोरेगाँव हिंसा की रची थी साजिश

पुलिस के अनुसार तीनों कथित एक्टिविस्ट्स 4 ऐसे संगठनों से जुड़े थे, जो प्रतिबंधित माओवादी संगठन के मुखौटे के रूप में काम करते हैं। वर्नोन और फरेरा नक्सली संगठन में भर्ती के लिए के लिए भी लोगों को उकसा रहे थे।

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इस मामले में नवलखा के अलावा वरवरा राव, अरुण फरेरा, वर्णन गोन्साल्विज और सुधा भारद्वाज भी आरोपित हैं। पुणे पुलिस ने 31 दिसंबर, 2017 को एल्गार परिषद के बाद एक दिसंबर को भीमा-कोरेगाँव में हुई कथित हिंसा के मामले में जनवरी, 2018 को FIR दर्ज की थी।

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महाराष्ट्र सरकार ने अनुरोध किया था कि इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार का आदेश पारित करने से पहले उसकी बात सुनी जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने गौतम नवलखा के ख़िलाफ़ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार करते हुए इसे गंभीर मामला करार दिया था।

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नवलखा के खिलाफ पुणे पुलिस ने जनवरी 2018 में प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके खिलाफ उसकी याचिका ख़ारिज करते हुए अदालत ने कहा, "मामला भीमा-कोरेगॉंव हिंसा तक ही सीमित नहीं है। इसमें कई और पहलू हैं। गंभीरता को देखते हुए हमें लगता है कि पूरी छानबीन जरूरी है।"

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हनी बाबू डीयू के प्रोफ़ेसर हैं और 'द कमिटी ऑफ सिविल राइट्स एक्टिविस्ट्स' के सदस्य हैं। इस कमिटी का गठन जीएन साईबाबा द्वारा किया गया था। डीयू प्रोफ़ेसर साईबाबा को 2017 में महाराष्ट्र की एक अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई थी।

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सुधीर धावले ने एक आवेदन दाखिल कर आयोग के समक्ष बयान देने का आग्रह किया था। धावले एल्गार परिषद के आयोजकों में से एक था। एल्गार परिषद ने माओवादियों के समर्थन से भीमा कोरेगाँव युद्ध की बरसी पर हिंसा भड़काई थी।

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कोरेगांव की लड़ाई की प्रशंसा ब्रिटेन की संसद तक में हुई थी और कोरेगाँव में एक स्मारक भी बनवाया गया था जिस पर उन 22 महारों के नाम भी लिखे हैं जो कम्पनी सरकार की ओर से लड़े थे। यह प्रमाणित होता है कि कोरेगाँव की लड़ाई दलित बनाम ब्राह्मण थी ही नहीं, यह तो दो शासकों के मध्य एक बड़े युद्ध का छोटा सा हिस्सा मात्र थी।

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पुलिस का दावा है कि अगले दिन हिंसात्मक घटनाओं के लिए एल्गार परिषद के दौरान दिए गए भाषण जिम्मेदार थे।

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अभियोजक उज्ज्वला पंवार ने आरोप लगाया है कि तेलतुम्बडे, गोवा प्रबंधन संस्थान के एक प्रोफ़ेसर, अन्य सह-अभियुक्त एक आपराधिक साज़िश में शामिल थे।

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