किशन ने बताया कि जब वो रामगोपाल का शव लेने गए तो सरफराज ने उनपर भी गोली चलाई, अगर वो गोली निशाने पर लगती तो शायद उनका भी शव अब्दुल हमीद के घर में मिलता।
महताब के घर के पास पहुँचते ही जुलूस पर पत्थरबाजी होने लगी। कई हमलवार नीचे आए जिनके हाथों में तलवारें दिख रहीं थी। इस दौरान महिला श्रद्धालुओं को भी निशाना बनाया गया।