कोर्ट में सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी के उन बयानों को पढ़कर सुनाया गया, जिसमें उन्होंने CAA का विरोध करने के लिए सड़क पर उतरने की बात कही थी। साथ ही कहा था कि कॉन्ग्रेस इस तरह का विरोध करने वाले लोगों के साथ खड़ी है।
हाईकोर्ट में इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। कॉन्ग्रेस नेताओं के अलावा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आप विधायक अमानतुल्ला खान, AIMIM नेता अकबरुद्दीन ओवैसी और वारिस पठान पर भी कार्रवाई की अपील की गई है।
सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने 12 फरवरी को जस्टिस मुरलीधर के स्थानांतरण की सिफारिश की थी। ऐसा रूटीन प्रक्रिया के तहत किया गया। जस्टिस मुरलीधर के अलावा दो और जजों के तबादले के आदेश जारी किए गए हैं। इनमें से एक मुंबई हाईकोर्ट से तो दूसरे कर्नाटक हाईकोर्ट से संबद्ध हैं।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा के विडियो के आधार पर जानबूझ कर एकतरफा हंगामा किया जा रहा। उन्होंने हाईकोर्ट से पुलिस को बदनाम करने की कोशिशों पर लगाम लगाने की अपील की।
जस्टिस कैत ने सुनवाई करते हुए कहा कि दोषियों ने सजा में देरी करने की रणनीति अपनाई है। इसलिए मैं सभी दोषियों को 7 दिनों के भीतर उनके कानूनी उपचार के लिए निर्देशित करता हूँ, जिसके बाद अदालत को उम्मीद है कि अधिकारियों को कानून के अनुसार काम करना होगा।
पिछले कई दिनों से फरार चल रहे देशद्रोह के आरोपित शाहीन बाग़ के सरगना शरजील इमाम को गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहाँ से आरोपित शरजील को कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। इसके बाद अब पुलिस दिल्ली क्राइम ब्रांच पूछताछ करेगी।
"ये बिल्कुल ग़लत है कि उन्होंने समय पर अपना काम किया, 7 साल हो गए घटना हुए, ढाई साल हो गए सुप्रीम कोर्ट से आए फैसले को, 18 महीने हो गए रिव्यू पेटिशन ख़ारिज हुए, जो काम जेल प्रशासन को और दिल्ली सरकार को करना चाहिए था, वो हमने किया।"
सड़क जाम के कारण सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को हो रही है। उन्हें स्कूल जाने में 2 घंटे का अतिरिक्त समय लग रहा है। दिल्ली, यूपी और हरियाणा- तीन राज्यों के लोगों को परेशानी का समाना करना पड़ रहा है। जाम की वजह से सिर्फ़ 1 ट्रैफिक सिग्नल को पार करने में 20 मिनट का समय लग रहा है।
हाई कोर्ट ने अदालत परिसर में नारेबाजी के प्रकरण की जाँच के लिए एक समिति बनाने का निर्देश दिया है। समिति गहराई से जाँच के बाद दोषी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई पर उचित दिशा-निर्देश देगी।