दिल्ली मेट्रो में बैठकर हस्तमैथुन करने वाले युवक के विरुद्ध दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने इस केस में स्वत: संज्ञान लेकर ये कार्रवाई की है।
कोरोना वायरस महामारी के बीच अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है। एक सितंबर से शुरू होने वाले अनलॉक 4 के लिए गृह मंत्रालय ने शनिवार (अगस्त 29, 2020) को दिशानिर्देश जारी किए।
आज बृहस्पतिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में कोरोना संक्रमण की स्थिति के बारे में बताया। केजरीवाल ने कहा कि अब तक दिल्ली में कोरोना वायरस के कुल 36 केस सामने आए हैं, जिनमें से 26 लोग विदेश से आए थे।
31 मार्च तक देश में यात्री ट्रेनें पूरी तरह बंद रहेंगीं, इसमें मेल, सुपरफास्ट और पैसेंजर सभी प्रकार की ट्रेनें शामिल हैं। इस दौरान केवल मालगाड़ी ही चलेंगी और जो यात्री ट्रेनें अपने सोर्स स्टेशनों से गंतव्य की ओर रवाना हो चुकी हैं, वे सभी अपनी-अपनी यात्रा पूरी कर गंतव्य स्टेशनों पर ही हॉल्ट करेंगीं।
डीएमआरसी ने कहा है कि सामाजिक दूरी को बनाए रखने और लोगों को घरों में रहने के लिए प्रोत्साहित करते हुए दिल्ली मेट्रो को 22 मार्च को बंद रखने का फैसला किया गया है। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन ने कहा कि यह कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई का एक कदम है।
रविवार की सुबह बड़ी संख्या में मौके पर पहुँची महिलाओं ने सड़क को जाम कर दिया। इसी बीच स्थित तब तनावपूर्ण हो गई कि जब मौजपुर में सीएए के समर्थन में सड़कों पर पहुँचकर लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी और कुछ ही देर में दोनों और से पत्थरबाजी शुरू हो गई।
"एक तरफ वे (दिल्ली सरकार) मुफ्त सवारियाँ कराने जा रही है और दूसरी तरफ वह कोर्ट से चाहती है कि केन्द्र सरकार को निर्देश दे कि 50 फीसदी ऑपरेशनल नुकसान की वे भी भरपाई करें। कोर्ट सभी तरह की मुफ्त चीजों को रोक देगा।"
दिल्ली मेट्रो के पहले प्रबंध निदेशक और ‘मेट्रो मैन’ के नाम से मशहूर ई श्रीधरन ने मेट्रो में महिलाओं को मुफ़्त यात्रा की सुविधा देने की आम आदमी पार्टी सरकार की पहल को मेट्रो के लिए नुकसानदायक बताया था। उन्होंने सुझाव दिया कि छूट की राशि सीधे महिलाओं के खाते में ट्रांसफर की जाए।
केजरीवाल इससे पहले भी कई हवाई योजनाओं की चर्चा कर चुके हैं। जिन पर अभी तक ग्राउंड वर्क की प्रोग्रेस शून्य है। बाद में किसी न किसी वजह से वह योजना फाइलों में फँस जाती है। ऐसे समय में कई विशेषज्ञों का कहना है कि केजरीवाल सरकार जानबूझकर ऐसे काम करती है कि फाइल नियम विरुद्ध हो या इसके लिए आवश्यक तैयारी के अभाव के कारण फाइल उप राज्यपाल के यहाँ फँस जाए, जिससे AAP की पूरी मशीनरी को एक बार फिर से 'कि हम तो दिल्ली की महिलाओं को मुफ्त योजना देना चाहते थे लेकिन मोदी फाइल ही आगे नहीं बढ़ने दे रहें' पर आकर रुक जाती है।
यह लेख वायर ही नहीं, सभी वामपंथी-चरमपंथियों में बढ़ती हुई खीझ की नुमाईश है। इनका प्रोपेगैंडा धराशायी हो जाने से इनके दिमागों के फ्यूज़ बुरी तरह जल गए हैं।