मुस्लिम शरणार्थी ने महिला अधिकारी से हाथ मिलाने पर असहमति जताई। उसके अनुसार उसने ऐसा धार्मिक आधार पर किया, इस मामले पर जर्मनी की अदालत ने उसे नागरिकता प्रदान करने से मना कर दिया।
NIA ने बताया कि 2013-2014 में ISIS में शामिल होने के लिए छ: से सात युवाओं के समूह को बेंगलुरु से सीरिया भेजने में एक डेंटिस्ट और एक कंप्यूटर एप्लीकेशन स्पेशलिस्ट मुख्य रूप से शामिल थे।
आसमान की ओर तर्जनी का यह इशारा चरमपंथी आतंकवादी 'तौहीद' के साथ वर्णित अल्लाह के उस संदेश को ही जताने के लिए करते हैं, जिसमें किसी भी अन्य सत्ता की कल्पना को भी कुफ़्र बताया गया है।
आतंकी संगठन ISIS ने लड़ाकों से कहा है, "जिहादी लड़ाके याद रखें, महामारी अपने आप नहीं आती, अल्लाह के फरमान से आती हैं। अल्लाह में भरोसा रखना है और उसी से इस बीमारी से लड़ने की दुआ माँगनी है।" साथ ही खतरा टलने तक घर से ही काम करने की सलाह दी है।
हिन्दू घृणा से सने शाहीन बाग़ इलाक़े में CAA और NRC के ख़िलाफ़ ‘जिन्ना वाली आज़ादी’ जैसे नारे लगाए गए थे। इस दौरान ऐसे पोस्टर भी देखे गए जिनमें हिन्दू धर्म की तुलना नाज़ीवाद से और स्वास्तिक का दुरुपयोग करते हुए विखंडित दिखाया गया।
जिहाद के जरिए ये आतंकी मारत में इस्लामी राज लाना चाहते थे। इसके लिए मजहबी कक्षाएँ संचालित की गईं। गतिविधियों को अंजाम देने के लिए एक आतंकी मॉड्यूल 'अंसारुल्लाह' बनाया गया।
स्कूल की पढ़ाई अधूरी छोड़ने वाले उस्मान ने कुछ समय पाकिस्तान में भी बिताया था। उसने शुक्रवार को हमला कर दो लोगों की हत्या कर दी थी। बाद में स्कॉटलैंड यार्ड ने उसे मौके पर ही मार गिराया था।