पीएम मोदी ने कहा कि ये सफलता जटिल अंतरिक्ष अभियानों को सफल बनाने वाले हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का परिणाम है। लैंग्रेज पॉइंट तक पहुँचा'आदित्य L1'.
ASPEX में अत्याधुनिक उपकरण लगे हुए हैं। जैसे - सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर (SWIS), सुप्राथर्मल एन्ड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर बिना किसी व्ययधान के काम कर रहा है।
'चंद्रयान 3' की सफलता और सफल 'गगनयान' ट्रायल के बाद विजयादशमी पर ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने ईश्वर के साथ अपने एक ख़ास कनेक्शन की बात करते हुए कहा कि उनके हमेशा मंदिर आने का कारण यही है।
पीएम मोदी ने 2035 में भारत का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने और 2040 तक किसी भारतीय को चाँद पर भेजने का लक्ष्य ISRO को दिया है। प्रज्ञानानंद से मिले S सोमनाथ।
"इन वैज्ञानिक उपकरणों को देखिए। ये काफी सस्ते हैं। बनाने में भी आसान और तकनीक में बहुत ज़्यादा समृद्ध। आपने इन्हें कैसे बनाया? आप अमेरिका को ये तकनीक क्यों नहीं बेचते?"