Saturday, July 27, 2024
Homeविविध विषयविज्ञान और प्रौद्योगिकी'आदित्य L1' ने शुरू किया सौर हवाओं का अध्ययन, अंतरिक्ष में मौसम से लेकर...

‘आदित्य L1’ ने शुरू किया सौर हवाओं का अध्ययन, अंतरिक्ष में मौसम से लेकर धरती पर इसके प्रभाव का भी पता चलेगा: ISRO ने जारी की तस्वीर

सूर्य से प्लाज्मा के विस्फोटक स्फुटन को 'कोरोनल मास इजेक्शन (CME)' कहते हैं। वहीं 'आदित्य L1' जिस बिंदु से सूर्य का अध्ययन कर रहा है उसे लैग्रेंज पॉइंट कहते हैं।

सूर्य के अध्ययन के लिए भेजे गए भारत के ‘आदित्य L1’ सैटेलाइट ने एक बड़ा मील का पत्थर तय कर लिया है। इसमें लगे ‘आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX)’ नामक पेलोड ने अपना काम शुरू कर दिया है। ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद) ने शनिवार (2 दिसंबर, 2023) को इसकी जानकारी दी। ASPEX में अत्याधुनिक उपकरण लगे हुए हैं। जैसे – सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर (SWIS) और सुप्राथर्मल एन्ड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर बिना किसी व्ययधान के काम कर रहा है।

SWIS उपकरण को 2 नवंबर, 2023 को सक्रिय किया गया है। उसने सौर हवाओं और Ions को मापने में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। खासकर प्रोटोन्स और अल्फ़ा पार्टिकल्स के अध्ययन में ये बड़ी भूमिका निभा रहा है। इसमें 2 सेंसर यूनिट्स लगे हैं जो 360 डिग्री फिल्ड व्यू से लैस हैं। SWIS परपेंडिकुलर (लंब) प्लेन्स में काम करता है। इससे सौर हवाओं के व्यवहार का विस्तृत विवरण पता चलेगा। नवंबर 2023 का एक सैम्पल एनर्जी हिस्टोग्राम भी तैयार किया गया है।

इसमें प्रोटोन (H++) और अल्फ़ा पार्टिकल (He2+) की संख्या में विविधता पाई गई, जो नॉमिनल इंटीग्रेशन टाइम के साथ एक व्यापक स्नैपशॉट को दिखाता है। SWIS की जो डायरेक्शनल क्षमताएँ हैं, वो सौर हवाओं और पृथ्वी पर पड़ने वाले उनके प्रभाव को लेकर काफी कुछ नई चीजों का पता लगाएँगे। सूर्य से प्लाज्मा के विस्फोटक स्फुटन को ‘कोरोनल मास इजेक्शन (CME)’ कहते हैं। वहीं ‘आदित्य L1’ जिस बिंदु से सूर्य का अध्ययन कर रहा है उसे लैग्रेंज पॉइंट कहते हैं।

‘आदित्य L1’ अब CME के L1 पॉइंट तक आने का अनुमान भी लगा सकता है। अल्फ़ा टू प्रोटोन रेश्यो के अध्ययन का एक फायदा ये भी होगा कि इससे अंतरिक्ष में मौसम के बदलाव के बारे में बहुत कुछ पता चलेगा। अन्तरग्रहीय CME (ICMEs) के लिए ये रेश्यो एक मार्कर का काम करता है। सौर हवाओं और पृथ्वी पर पड़ने वाले उसके असर को लेकर वैज्ञानिक समूह नतीजों का इंतजार कर रहा है। सोलर फिनोमिना और स्पेस वेदर को समझने में हमें अब बहुत आसानी होगी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -