आँकड़े कहते हैं कि पहले से ही 45% IT कर्मचारी मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, 55% शारीरिक रूप से दुष्प्रभाव का सामना कर रहे हैं। नए फैसले से मौत का ख़तरा बढ़ेगा।
महिला ने सोशल मीडिया पर आपबीती पोस्ट की है। इस पोस्ट में बताया गया कि कैसे बेंगलुरु में नौकरी के दौरान महिला को कन्नड़ न आने के कारण कितना भेदभाव झेलना पड़ा।
सिद्धारमैया के फैसले का भारी विरोध भी हो रहा था, जिसकी वजह से कॉन्ग्रेसी सरकार बुरी तरह से घिर गई थी। यही नहीं, इस फैसले की जानकारी देने वाले ट्वीट को भी मुख्यमंत्री को डिलीट करना पड़ा था।